98 लाख के पुरानें नोटों के साथ तीन गिरफ्तार, मोबाइल कारोबारी की बताई जा रही करेंसी

पुराने नोट
पकड़ी गई करेंसी के साथ गाजीपुर कोतवाली में तीनों आरोपित। फोटो-आरयू

आरयू ब्‍यूरो, 

लखनऊ। नोटबंदी के कई महीने बाद भी काली कमाई वालों का स्‍टॉक अभी तक खत्‍म नहीं हो सका है। पुलिस की छापेमारी और चेकिंग में रह-रहकर यह बात सामने आ रही है। आज सुबह मुखबिर की सूचना पर गाजीपुर पुलिस ने एक कार से 98 लाख रुपए के पुराने नोट बरामद करने के साथ ही तीन लोगों को धर दबोचा। बरामद रुपए एक मोबाइल व्‍यापारी के बताए जा रहे हैं। पुलिस घटना के संबंध में आयकर विभाग को सूचना देने के साथ ही मोबाइल व्‍यापारी की तलाश कर रही है।

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एसएसपी दीपक कुमार ने प्रेसवार्ता कर मीडिया को बताया कि गाजीपुर कोतवाली के कार्यवाहक इंचार्ज अमित तिवारी अपने सहयोगियों के साथ सुबह करीब दस बजे वाहन चेकिंग कर रहे थे, तभी मुखबिर से सूचना मिली कि शालीमार चौराहे के पास से एक आर्टिगा कार (संख्‍या UP32 HP 6712) गुजरने वाली है जिसमें पांच सौ की पुरानी नोटें हैं।

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जिसपर पुलिस ने शालीमार चौराहे पर घेराबंदी कर सामने से आ रही उक्‍त कार को रोक लिया। तलाशी के दौरान पुलिस को कार से 98 लाख की पुरानी करेंसी बरामद हुई, सभी नोट पांच सौ की थी। पुलिस ने करेंसी कब्‍जे में लेने के साथ ही कार में मौजूद विकास नगर के कुर्सी रोड निवासी विकास, गुडंबा के कल्‍याणपुर के विपिन मिश्रा और आईआईएम रोड निवासी अजय कुमार को धर दबोचा।

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पूछताछ में आरोपितों ने पुलिस को बताया कि बरामद नोट कल्‍याण पुर निवासी योगेश अग्रवाल के हैं। उन लोगों को मामूली कमीशन के बदले नोटों को सिर्फ चारबाग तक पहुंचाने का काम सौंपा गया था। बताया जा रहा है योगेश की श्री राम टॉवर में मोबाइल की दुकान है।

अमित तिवारी ने बताया कि योगेश अग्रवाल की तलाश की जा रही है उसके मिलने के बाद ही साफ हो पाएगा कि पुराने नोटों को कहां भेजा जा रहा था साथ ही नोट का असली मालिक कौन है।

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वहीं दूसरी ओर सूत्रों की मानें तो योगेश की भाजपा में अच्‍छी पैठ होने के चलते पुलिस कड़ाई से कदम नहीं उठा पा रही है, कहा यह भी जा रहा है कि नोटों के पकड़े जाने के बाद भाजपा के एक विधायक ने पैरवी के लिए पुलिस को फोन भी किया था।