अब शिक्षामित्रों के समर्थन में उतरी कांग्रेस, मोदी और योगी सरकार से पूछा ये बड़ा सवाल

शिक्षामित्रों के समर्थन में कांग्रेस
ईको गार्डेन में प्रदर्शन करते शिक्षामित्र। (फाइल फोटो)

आरयू ब्‍यूरो, 

लखनऊ। सामायोजन रद्द होने के ठीक एक साल बाद सूबे की राजधानी लखनऊ में योगी सरकार के विरोध में सुहागिन महिलाओं द्वारा सामूहिक मुंडन कराने का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है। बुधवार को महिलाओं समेत सैकड़ों शिक्षामित्रों के ईको गार्डेन में मुंडन कराने के बाद गुरुवार को कांग्रेस ने महिलाओं के मुंडन कराने पर अफसोस जताते हुए उनका समर्थन किया है।

कांग्रेस के प्रदेश अध्‍यक्ष राज बब्‍बर ने आज महिला शिक्षामित्रों के मुंडन और प्रदर्शन की तस्‍वीरें सोशल मीडिया पर पोस्‍ट करते हुए कहा है कि महिला शिक्षामित्रों की इन तस्वीरों को देखकर हुई पीड़ा को शब्दों में व्यक्त नहीं कर सकता।

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उन्‍होंने मोदी और योगी सरकार को भी इस मामले में निशाना बनाते हुए आगे कहा कि हर जाति और धर्म की महिलाओं के हितों की रक्षा का दावा करने वाली योगी-मोदी की सरकार को क्या इन महिलाओं का दर्द दिखाई नहीं पड़ता?

बताते चलें कि बुधवार को सुहागिन महिलाओं द्वारा सामूहिक मुंडन कराने के बाद यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने भी शिक्षामित्रों के समर्थन करने का न सिर्फ ऐलान किया था, बल्कि योगी सरकार पर भी निशाना साधते हुए कहा था कि हमने जिन शिक्षामित्रों को शिक्षक बना कर रोजगार व शिक्षातंत्र को सशक्त किया था, उन्हें भाजपा ने आत्महत्या करने पर मजबूर कर दिया है। उन्‍होंने आगे कहा था कि आंदोलन की बरसी पर महिला-पुरुष शिक्षामित्रों का केश त्यागना वस्तुत: भाजपा में विश्‍वास का भी त्याग है। शिक्षामित्रों के हर संघर्ष में सपा उनके साथ है।

शिक्षामित्रों की प्रमुख मांगें-

आरटीआइ एक्‍ट 2009 के किसी प्रावधान के तहत सामायोजित नहीं होने वाले शिक्षामित्रों के लिए उत्‍तराखण्‍ड मॉडल अपनाते हुए उन्‍हें टेट पास करने के लिए चार साल का समय मिले।

टेट पास शिक्षामित्रों को बिना लिखित परीक्षा के उम्र और अनुभव का भरांक देकर नियमित किया जाए।

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समायोजन रद्द होने के बाद जान गंवाने वाले सैकड़ों शिक्षामित्रों के परिजनों को मुआवजा और नौकरी दी जाए।

आरटीआइ एक्‍ट 2009 के तहत 12400 पैरा टीचरों को अपग्रेड करते हुए पूर्ण शिक्षक का दर्जा और यूपी बेसिक शिक्षा नियामवली के अनुसार वेतन दिया जाए।

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असमायोजित शिक्षामित्रों के लिए बिहार मॉडल अपनाते हुए समान कार्य-समान वेतन दिया जाए।

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