अखिलेश पर भाजपा का पलटवार, शिक्षा को राजनीति की प्रयोगशाला बनाने वाले को प्रवचन का अधिकार नहीं

राजनीति की प्रयोगशाला
राकेश त्रिपाठी। (प्रदेश प्रवक्ता, भाजपा)

आरयू ब्‍यूरो, 

लखनऊ। अखिलेश यादव के शिक्षा की राजनीतिकरण वाले बयान पर आज भारतीय जनता पार्टी ने पलटवार किया है। बीजेपी के प्रदेश प्रवक्‍ता राकेश त्रिपाठी ने बयान पर कहा कि अखिलेश यादव ने अपने शासनकाल में शिक्षा को राजनीति की प्रयोगशाला बनाने के साथ ही समूची शिक्षा व्यवस्था को नकल माफियाओं के भरोसे छोड़ दिया था।

सपा सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए प्रदेश प्रवक्‍ता ने कहा कि अखिलेश यादव ने अपने कार्यकाल में बांटे गए लैपटॉप और स्कूल बैग पर भी अपने पिता व तत्कालीन सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव की तस्वीर छापी थी। हमला जारी रखते हुए राकेश त्रिपाठी ने कहा कि छात्रवृत्ति वितरण में भी मजहब के आधार पर भेदभाव किया गया था।

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प्रदेश प्रवक्‍ता ने आगे कहा कि इतना ही नहीं अखिलेश सरकार में प्राथमिक शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा तक राजनीति का शिकार थी। अब अखिलेश यादव को सद्बुद्धि आ गई है, तभी वो ट्वीट करके कह रहे है कि शिक्षा का राजनीतिकरण नहीं करना चाहिए। उनकी यह कहना ‘नौ सौ चूहे खाकर बिल्ली हज को चली’ कहावत को चरितार्थ कर रहा है।

प्रदेश प्रवक्‍ता ने नसीहत देते हुए कहा कि अखिलेश यादव को शिक्षा के राजनीतिकरण पर प्रवचन देने का नैतिक अधिकार नहीं है। उनके कार्यकाल में पढ़े-लिखे नौजवानों को बेरोजगारी का दंश झेलना पड़ा। जितनी भी भर्तियां हुई, उसमें योग्यता का अपमान हुआ। भाई-भतीजावाद, जातिवाद, क्षेत्रवाद और रिश्‍वत के आधार पर की गई भांर्तियां हाई कोर्ट, सुप्रीम कोर्ट में झूलती रही।

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बताते चलें कि मंगलवार को पूर्व मुख्‍यमंत्री ने ट्वीट करते हुए योगी सरकार पर हमला बोला था। उन्‍होंने एएमूय के मसले पर प्रदेश सरकार की चुप्‍पी पर सवाल उठाने के साथ ही कहा था कि शिक्षा का राजनीतिकरण नहीं होना चाहिए।