विश्‍वविद्यालयों में बवाल के लिए अखिलेश ने योगी सरकार को बताया जिम्‍मेदार, AU और LU के छात्रों के लिए कही ये बातें

एनपीआर

आरयू ब्‍यूरो, 

लखनऊ। विश्‍वविद्यालयों में आए दिन हो रहे बवाल, धरना-प्रदर्शन और अराजकता के लिए आज पूर्व मुख्‍यमंत्री अखिलेश यादव ने योगी सरकार को जिम्‍मेदार बताया है। बुधवार को अपने एक बयान में अखिलेश ने कहा कि योगी सरकार की गलत नीतियों के चलते उत्तर प्रदेश के शिक्षा संस्थानों में अराजकता की स्थिति पैदा हो गई है।

अखिलेश ने कल एयू के छात्र नेताओं पर हुए हमले का जिक्र करते हुए कहा कि शैक्षिक वातावरण पूरी तरह अव्यवस्था का शिकार हो गया है। इलाहाबाद विश्‍वविद्यालय में कल शांतिपूर्ण ढंग से धरने पर बैठे छात्र नेताओं पर जिस बर्बरता से हमला हुआ वह निंदनीय है।

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इस हमले में इलाहाबाद विश्‍वविद्यालय छात्रसंघ अध्यक्ष अवनीश यादव, पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष ऋचा सिंह, महामंत्री निर्भय द्विवेदी तथा छात्र नेता दिनेश यादव और रोहित मिश्र घायल हुए हैं। राज्य विश्‍वद्यालयों के कुलपतियों एवं शासन-प्रशासन का छात्रों के प्रति व्यवहार ठीक नहीं है।

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सपा अध्‍यक्ष ने भाजपा के साथ ही आरएसएस पर भी निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा-आरएसएस की मनोवृत्ति विरोध के प्रति पूर्णतया नकारात्मक और असहिष्णुता की है। इसीलिए छात्रसंघो का चुनाव टाला जा रहा है। साथ ही जहां-जहां चुनाव हो रहे है बीजेपी की विद्यार्थी शाखा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद हार रही है।

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पूर्व सीएम ने तंज कसते हुए कहा कि नैतिकता की चर्चा तो भाजपा सरकार बहुत करती है, लेकिन जनतांत्रिक मूल्यों पर कुठाराघात करने और अनैतिक तरीके से लोकतंत्र की भावना को कुचलने में वह पीछे नहीं रहती है।

अखिलेश ने आगे कहा कि योगी सरकार में इलाहाबाद विश्‍वविद्यालय, गोरखुपर विश्‍वविद्यालय, लखनऊ विश्‍वविद्यालय, वाराणसी हिन्दू विश्‍वविद्यालय समेत कई अन्य विश्‍वविद्यालय एवं राज्य के महाविद्यालयों में छात्र-छात्राओं की आवाज दबाई जा रही है।

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इस दौरान सपा अध्‍यक्ष ने ये भी कहा कि लखनऊ विश्‍वविद्यालय में प्रशासनिक तानाशाही का विरोध करने पर छात्र-छात्राओं को निलंबन, निष्‍कासन, पुलिस की प्रताड़ना व जेल का भी सामना करना पड़ रहा है। राजनीतिक द्वेषवश पूजा शुक्ला, माधुर्य सिंह, सृजन शुक्ला सहित दो दर्जन अन्य छात्रों को मेरिट सूची में होने के बावजूद प्रवेश देने से इंकार कर दिया गया है।

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जबकि शासन और विश्‍वविद्यालय प्रशासन के अन्याय के खिलाफ आवाज उठाने पर 75 दिनों से लखनऊ जेल में 14 छात्र को बंदी बनाकर रखा गया हैं। जिसमें अंकित सिंह बाबू, आशीष मिश्रा बाक्सर, प्रशांत मिश्र, आकाश लाला, मोहम्‍मद शादान, शिवम मिश्रा, अशोक कुमार प्रभात, ऋषि प्रताप सिंह, विनय यादव, हिमांशु यादव, आयुष मिश्रा, दिव्यांशु सिंह, संदीप पटेल, रजत अवस्थी तथा नीरज शुक्ला शामिल हैं।