ग्राम रोजगार सेवक और पुलिस में भिड़ंत, पत्‍थर, लाठी और आंसू गैस के गोले चले, 91 गिरफ्तार

ग्राम रोजगार सेवक
भिड़त के दौरान आमने-सामने ग्राम रोजगार सेवक और पुलिस। (फोटो-आरयू)

आरयू ब्‍यूरो,

लखनऊ। पिछले कई दिनों से अपनी मांगों को लेकर धरना दे रहे ग्राम रोजगार सेवक आज उस समय उग्र हो गए जब उन्‍हें विधानसभा की ओर जाने से रोका गया। आक्रोशित सेवकों ने पुलिस पर पत्‍थर चलाना शुरू कर दिया। पुलिस ने जवाबी कार्रवाई करते हुए इन्‍हें दौड़ा-दौड़कर पीटने के साथ ही आंसू गैस के गोल और रबर की गोलियां भी चलाई।

पुलिस की कार्रवाई में दर्जनों की संख्‍या में प्रदर्शनकारी घायल हुए है, वहीं कुछ पुलिस कर्मियों को भी चोटें आई है। पुलिस ने 91 लोगों को गिरफ्तार करने के साथ ही सैकड़ों प्रदर्शनकारियों के खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है।

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बता दें कि पिछले 14 दिनों से ग्राम पंचायतों में ग्राम रोजगार सेवक के रिक्त पदों पर समायोजन, राज्य कर्मचारियों की तर्ज पर वेतनमान देने और पंचायत सहायकों की भर्ती पर रोक लगाने की मांग को लेकर ग्राम रोजगार सेवक संघर्ष समिति के बैनर तले सैकड़ों ग्राम रोजगार सेवक लक्ष्मण मेला मैदान में धरना दे रहे थे।

ग्राम रोजगार सेवक
आंसू गैस का गोला दागता पुलिस का जवान।

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कोई सुनवाई नहीं होने पर आज तय कार्यक्रम के अनुसार दोपहर में ग्राम रोजगार सेवक लक्ष्‍मण मेला स्थित अपने धरनास्थल से विधानसभा का घेराव करने निकले थे। अभी वह कुछ ही कदम चल पाए होंगे कि पुलिस ने घेराबंदी कर उन्‍हें रोकना शुरू करने के साथ ही रेलिंग फांदकर सड़क पर आने की कोशिश कर रहे प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने पीट दिया।

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जिससे भड़के ग्राम रोजगार सेवकों ने पत्‍थराव शुरू कर दिया। पुलिस ने भी जवाबी कार्रवाई करते हुए पत्‍थरबाजी के साथ ही प्रदर्शनकारियों को लाठियों से पीटा हालत नहीं संभलते देख पुलिस ने आंसू गैस के गोले और रबर की गोलियां भी चलाई।

ग्राम रोजगार सेवक
पथराव करते ग्राम रोजगार सेवक। (फोटो-आरयू)

पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच घंटों चले गुरिल्‍ला युद्ध में दर्जनों वाहन क्षतिग्रस्‍त हो गए वहीं दर्जनों ग्राम रोजगार सेवक घायल हो गए।

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भड़की पुलिस भूली सब

पुलिस की नकामी और तानाशाही वाली कार्रवाई से प्रदेश भर में हिंसा और बवाल की घटनाएं लगातार हो रही। उसके बाद भी पुलिस सीख लेने को तैयार नहीं है। इसका जीता जागता उदाहरण आज उस समय देखने को मिला जब गाम रोजगार सेवकों के प्रदर्शन के दौरान राजधानी की पुलिस ने तानाशाही रवैया अपनाते हुए लक्ष्‍मण मेला मैदान पर आमरण अनशन कर रहे अनुदेशकों के अलावा अन्‍य प्रदर्शनकारियों को भी धरनास्‍थल से बलपूर्वक खदेड़ने के साथ ही कईयों को गिरफ्तार कर लिया।

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पूर्व माध्यमिक अनुदेशक कल्याण समिति के मीडिया प्रभारी पुनीत श्रीवास्‍वत ने बताया कि हम लोग पिछले 15 दिनों से शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रहे थे। लेकिन शाम पांच बजे पहुंची पुलिस द्वारा भूख हड़ताल पर बैठे संघ के प्रदेश अध्यक्ष राकेश पटेल सहित छह अनुदेशकों को जबरदस्ती उठाया गया और फर्जी मुकदमा दर्ज करने की धमकी भी दी गई। जिसमें तीन महिला अनुदेशक भी थी। साथ ही कुछ अनुदेशकों को पुलिस कोतवाली भी ले गई।

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इतना ही नहीं पुलिस ने राकेश पटेल को पीटने के साथ ही भूख हड़ताल पर बैठी महिला अनुदेशकों के साथ अभद्रता करते हुए गालियां भी दी। पुलिस की इस कार्रवाई में बाराबंकी के अनुदेशक त्रिवेणी शुक्ल और सोमवीर को भी गहरी चोटें आई है।

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वहीं प्रदेश अध्यक्ष राकेश पटेल ने बताया कि हमारा आंदोलन प्रशासन बलपूर्वक दबाना चाहता है, लेकिन हम ऐसा नहीं होने देंगे। शासनादेश जारी होने तक प्रदेश के सभी अनुदेशक कार्य बहिष्‍कार कर अपने-अपने जनपद के मुख्‍यालय पर धरना प्रदर्शन करेंगे। पुलिस की कार्रवाई से ग्राम रोजगार सेवकों के अलावा अन्‍य प्रदर्शनकारियों में जबरदस्‍त रोष व्‍याप्‍त है।

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किसी प्रदर्शनकारी के साथ गलत व्‍यवहार नहीं किया गया और न ही ग्राम रोजगार सेवकों के अलावा किसी को गिरफ्तार किया गया है। जो लोग बिना परमिशन के कई दिनों से प्रदर्शन कर रहे थे सिर्फ उन्‍हें ही लक्ष्‍मण मेला मैदान से हटाया गया। उन्‍हें पहले भी प्रदर्शन के लिए अनुमति लेने के लिए कई बार कहा जा चुका था। सीओ हजरतगंज

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