हजरतगंज में पूर्व भाजपा विधायक के बेटे की गोली मारकर हत्‍या से हड़कंप

हजरतगंज में हत्या
वैभव तिवारी। (फाइल-फोटो)

आरयू ब्‍यूरो, 

लखनऊ। राजधानी पुलिस की चौकसी और इकबाल को धता बताते हुए शनिवार रात बदमाशों ने बेहद संवेदनशील इलाकों में शुमार हजरतगंज चौराहे के पास पूर्व भाजपा विधायक के बेटे की गोली मारकर हत्‍या कर दी। विधानसभा से कुछ दूरी पर हुई इस वारदात से पुलिस महकमें में हड़कंप मच गया।

हालांकि घटना के घंटे भर बाद तक हजरतगंज पुलिस इससे अनभिज्ञ बनी रही। बाद में पुलिस लोहिया अस्‍पताल पहुंची जहां युवक की उसे लाश मिली। युवक की हत्‍या करने के मामले में उसके ही एक परिचित का नाम सामने आया है। पुलिस मामले की छानबीन कर रही है।

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बताया जा रहा है कि सिद्धार्थनगर के डुमरियागंज विधानसभा से विधायक रह चुके प्रेम प्रकाश उर्फ जिप्पी तिवारी का बेटा वैभव तिवारी ऊर्फ छोटू हजरतगंज चौराहे के पास ही स्थित कसमंडा हॉउस के एक फ्लैट में परिवार के साथ रह रहे थे। प्रापर्टी डीलिंग करने के साथ ही प्रेम प्रकाश का 30 वर्षीय इकलौता बेटा वैभव डुमरियागंज के दमुआपुर गांव का प्रधान भी था। शाम को वैभव का रिश्‍तेदार आदित्‍य तिवारी उससे मिलने पहुंचा था। तभी वैभव के एक परिचित ने उसे मिलने के लिए कॉल कर हजरतगंज चौराहे के पास बुलाया था।

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वैभव वहां पहुंचा तो परिचित से किसी बात को लेकर विवाद हो गया। जिसके बाद वैभव को वहीं पर सीने में गोली मार दी गयी। लोग कुछ समझ पाते इससे पहले ही कार सवार बदमाशा भाग निकले। कहा जा रहा है कि आदित्‍य ने वैभव को कार से घायल अवस्‍था में गोमतीनगर स्थित लोहिया अस्‍पताल पहुंचाया जहां डॉक्‍टरों ने जांच के बाद उसे मृत घोषित कर दिया। घटना सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गयी है।

दूसरी ओर सनसनीखेज हत्‍या की जानकारी लगते ही एडीजी जोन अभय कुमार प्रसाद, आईजी रेंज जयनारायन सिंह, एसएसपी दीपक कुमार समेत पुलिस के तमाम अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर छानबीन की। देर रात तक पूर्व विधायक और उनके समर्थक भी अस्‍पताल और घटनास्‍थल पर पहुंच चुके थे।

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पुलिस परिजन व परिचितों से बातचीत करने के साथ ही गोली मारने वाले की तलाश में छापेमारी कर रही थी। दूसरी ओर पुलिस इस बात का भी पता लगा रही थी कि हजरतगंज से ट्रामा सेंटर करीब होने के बाद भी उसे गोमतीनगर के लोहिया अस्‍पताल में क्‍यों और किन परिस्थितियों में पहुंचाया गया। हालांकि हजरतगंज इंस्‍पेक्‍टर का मानना था कि गोली लगने के बाद वैभव को किस अस्‍पताल में पहुंचाया गया इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है।

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बाद में मिली जानकारी के अनुसार आदित्‍य तिवारी ने बताया कि वैभव को सूरज शुक्‍ला ने कॉल कर बुलाया था। इस दौरान सूरज के साथ उसका नरही निवासी हिस्ट्रीशीटर साथी विक्रम सिंह भी मौजूद था। किसी बात को लेकर विवाद होने लगा तो विक्रम ने वैभव को गोली मार दी। एसएसपी दीपक कुमार ने बताया कि सौरभ और विक्रम के खिलाफ पहले से ही हजरतगंज कोतवाली समेत अन्‍य थानों में आपराधिक मामले दर्ज है। विवाद होने की वजह उनके पकड़े जाने पर साफ हो पाएगी। पुलिस की टीमें दोनों की तलाश में लगायी गयी हैं।

मौके पर जांच करते आईजी रेंज लखनऊ।