जाने बजट 2018 की खास बातें, किसकों मिली सौगात, कौन हुआ मायूस

बजट 2018

आरयू वेब टीम। 

वर्ष 2019 के आम चुनावों से पहले आज वित्तमंत्री अरुण जेटली ने अपने आखिरी पूर्ण बजट में नौकरी पेशा की जेब में 40 हजार रुपये का स्टैंडर्ड डिडक्शन दिया है। अपने बजट भाषण में जटली किसान, गरीब, युवा, गृहणी, उद्यमी सबों को खुश करते नजर आए। वित्तमंत्री ने किसानों को लागत मूल्‍य से 50 फीसदी ज्‍यादा देने की घोषणा की है।

इस दौरान अरुण जेटली ने कहा कि वर्ष 2022 तक देश के हर एक गरीब के पास अपना घर होगा। साथ ही गरीब और मध्‍यम वर्ग के लोगों को होम लोन में भी राहत देने का एलान किया। उन्‍होंने कहा कि खेती का बाजार मजबूत करने के लिए 2000 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। जेटली ने किसानों के लिए कर्ज की राशि 11 लाख करोड़ करने की घोषणा की है। कृषि सिंचाई योजना के लिए 2600 करोड़ रुपये देने की घोषणा की के साथ ही देश का हर एक गरीब पांच लाख तक का कैश मेडिकल सुविधा का लाभ उठा सकता है, जिससे देश के 40 फीसदी लोगों और 10 करोड़ परिवार को फायदा होगा।

दो करोड़ शौचालय बनाने का लक्ष्‍य

वित्तमंत्री अरुण जेटली ने अपने बजट भाषण में उज्‍ज्‍वला और सौभाग्‍य योजना के तहत गैस और बिजली पर ध्‍यान देने की बात की है। गरीब व मध्यम वर्ग के जीवन को सुगम बनाने पर जोर देते हुए उन्‍होंने कहा कि तीन हजार से अधिक जन औषधि केंद्रों में 800 से ज्यादा दवाइयां मुफ्त मिल रही है। उन्‍होंने कहा कि किसान क्रेडिट कार्ड का फायदा पशुपालकों और मत्स्य पालकों को भी दी जाएगी। पशुपालन एवं मत्स्यपालन क्षेत्र में बुनियादी ढांचे के विकास के लिए 10,000 करोड़ रुपये के दो नए कोष बनाई जाएगी। अगले वित्त वर्ष में दो करोड़ शौचालय बनाने के लक्ष्य का भी जिक्र किया।

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प्रधानमंत्री के सपनों को पंख देने के लिए वित्तमंत्री अरुण जेटली ने ग्रामीण अर्थव्‍यवस्‍था को मजबूत करने की घोषणा का कहा कि हम इस साल खेती को मजबूत करने पर ध्‍यान देंगे। साथ ही बोले कि हमारी सरकार के आने के बाद देश की अर्थव्‍यवस्‍था मजबूत हुई है। हमारी सरकार रोजमर्रा की जिंदगी में सरकारी दखल को कम-से-कम करने की कोशिश करेगी। अपने बजट भाषण में एक और बड़ी घोषणा करते हुए बोले कि सरकार सार्वजनिक क्षेत्रों की कंपनियों के 80 हजार करोड़ के शेयर बेच देगी। वित्तमंत्री जेटली ने सांसदों के वेतन को भी बढ़ाए जाने की बात कही है।

खोले जाएंगे 24 नए सरकारी मेडिकल कॉलेज-अस्पताल 

वित्तमंत्री जेटली ने अपने बजट भाषण में कहा कि नवोदय विद्यालय की तर्ज पर अनुसूचित जाति के छात्रों के लिए एकलव्य विद्यालय खोले जाएंगे। उन्‍होंने बीटेक विद्यार्थियों के लिए प्रधानमंत्री रिसर्च फेलो योजना की भी घोषणा की। वित्तमंत्री ने 24 नए सरकारी मेडिकल कॉलेज-अस्पताल खोलने की भी घोषणा की। वित्तमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री जन-धन योजना का भी विस्तार किया जाएगा।

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उन्‍होंने कहा कि प्रधानमंत्री दुर्घटना बीमा योजना के तहत 12 रुपये सालाना प्रीमियम पर दो लाख रुपये के बीमा को 13.25 करोड़ लोगों ने अपनाया। उन्‍होंने कहा कि प्रधानमंत्री जीवन सुरक्षा बीमा योजना के तहत 330 रुपये सालाना प्रीमियम पर दो लाख रुपये बीमा योजना को 5.22 करोड़ लोगों ने अपनाया।

रेलवे के लिए 1.48 लाख करोड़ रुपये का आवंटन

रेल बजट को लेकर अरुण जेटली ने महत्‍वपूर्ण घोषणा की। उन्‍होंने कहा कि रेलवे के लिए इस बजट में 1.48 लाख करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है। इस वर्ष चार हजार किलोमीटर रेल लाइनों का विद्युतिकरण किए जाने की योजना है। चार हजार मानव रहित वाले रेलवे क्रॉसिंग 2 साल में खत्‍म कर दिए जाएंगे।

मोबाइल फोन पर सीमा शुल्क 15 की जगह 20 प्रतिशत हुआ

घरेलू स्मार्टफोन निर्माताओं की मदद के लिए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने गुरुवार को मोबाइल फोन पर सीमा शुल्क 15 प्रतिशत से बढ़ाकर 20 प्रतिशत कर दिया। जेटली ने आम बजट पेश करने के दौरान कहा, “मोबाइल फोन के पुर्जों के आयात पर सीमा शुल्क मौजूदा 15 प्रतिशत से बढ़ाकर 20 प्रतिशत कर दिया गया है। इससे भारत के स्मार्टफोन क्षेत्र में नौकरियों में वृद्धि होगी। दिसंबर में सरकार ने मोबाइल फोन सहित विभिन्न उत्पादों पर सीमा शुल्क 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 15 प्रतिशत कर दिया था।

वित्त मंत्री ने कहा कि चालू वित्त वर्ष में कतिपय परिस्थितियों के कारण राजकोषीय घाटा बजट अनुमान से थोड़ा बढ़कर 3.5 प्रतिशत रहेगा। बजट 2017-18 में इसको सकल घरेलू उत्पाद के 3.2 प्रतिशत तक सीमित रखने का लक्ष्य था। वित्त वर्ष 2018-19 में राजकोषीय घाटे को सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 3.3 प्रतिशत पर रखने का लक्ष्य तय किया गया है। हालांकि, राजकोषीय उत्तरदायित्व और बजट प्रबंधन कानून (एमआरबीएम) के तहत प्रस्तावित मध्यावधिक योजना के तहत यह लक्ष्य 3 प्रतिशत तक होना चाहिए था।

सीबीईसी को मिला नया नाम

देश में कई अप्रत्यक्ष करों के स्थान पर माल एवं सेवाकर (जीएसटी) की व्यवस्था लागू होने के चलते केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीईसी) का नाम बदलकर केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) कर दिया गया है। जेटली ने संसद में 2018-19 का आम बजट पेश करते हुए यह बात कही कि नाम बदलने के लिए कानून में जरुरी प्रावधान और संशोधनों का वित्त विधेयक में प्रस्ताव किया गया है। इससे पहले परंपरा के अनुसार जेटली ने राष्‍ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात की।

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