BRD हादसा: जानें सुप्रीम कोर्ट ने स्‍वत: संज्ञान लेने से इंकार करने के बाद क्‍या कहा

सुप्रीम कोर्ट

आरयू वेब टीम। 

गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में इंसानियत को हिला देने वाली मासूमों की मौत के मामले में आज सुप्रीम कोर्ट ने योगी सरकार को काफी हद तक राहत दी है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में दखल देने से इंकार कर दिया है। देश की सबसे बड़ी अदालत ने कहा कि यह एक जिले और एक अस्‍पताल का मामला है। इसलिए याचिकाकर्ता इस मामले में हाईकोर्ट जा सकते हैं।

यह भी पढ़ें- BRD हादसा: प्रिंसिपल को ‘बलि का बकरा’ बनाकर मामले में लीपापोती न करें योगी सरकार: मायावती

वहीं चीफ जस्टिस ने कहा कि हमने टीवी पर देखा है कि खुद मुख्यमंत्री मामले में निगरानी रखे हुए हैं। केंद्र सरकार के मंत्री भी अस्पताल गए हैं। मामले में घिरी योगी सरकार को निशाने पर लेते हुए अधिवक्‍त राजश्री रेड्डी ने सुप्रीम कोर्ट से इस मामले में स्वत: संज्ञान लेने की गुहार लगाई थी। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट को यह टिप्‍पणी करनी पड़ी।

यह भी पढ़ें- गोरखपुर पहुंचकर भावुक हुए योगी, कहा दोषियों के खिलाफ हुई कार्रवाई बनेगी मिसाल

आजम खान ने की सीबीआई जांच की मांग

वहीं दूसरी ओर पूर्व सपा सरकार के ताकतवर कैबिनेट मंत्री और वर्तमान विधायक आजम खान ने भी योगी सरकार को निशाने पर लिया है। आजम खां ने इस घटना की सीबीआई जांच करवाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यह काफी गंभीर मामला है। बच्चों की देखभाल में जिन लोगों की ड्यूटी थी उनकी भूमिका की जांच कर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।

यह भी पढ़ें- 63 मौतों के बाद गोरखपुर पहुंचे योगी सरकार के दो मंत्री, कहा मौतों का नहीं होना चाहिए राजनीतिकरण

शिवसेना ने बताया सामूहिक बालहत्‍या

भाजपा की सहायोगी शिवसेना ने एक बार भाजपा की ही सरकार पर हमला बोला है। शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ ने इस घटना को लेकर योगी सरकार के साथ-साथ मोदी सरकार पर भी निशाना साधा है। सामना ने अपने संपादकीय में गोरखपुर की इस घटना को ‘सामूहिक बालहत्या’ करार दिया है।

यह भी पढ़ें- BRD: मेडिकल कॉलेज के दौरे के बाद गुलाम नबी आजाद ने कहा मुख्यमंत्री ले हादसे की जिम्मेदारी