जॉर्डन किंग के सामने बोले मोदी, मानवीय मूल्यों को बढ़ावा देने के लिए है हर पंथ, संप्रदाय और परंपरा

संसदीय दल की बैठक
फाइल फोटो।

आरयू वेब टीम। 

जॉर्डन के किंग अब्दुल्ला बिन अल-हुसैन भारत के दौरे पर हैं। उन्‍होंने आज हैदराबद हाउस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। साथ ही किंग जॉर्डन विज्ञान भवन में आयोजित ‘इस्लामिक हेरिटेज, प्रमोटिंग अंडरस्टैंडिंग एंड मॉडरेशन’ इवेंट में शामिल।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जॉर्डन नरेश की इस्लाम की पहचान बनाने में अहम भूमिका है। उन्होंने कहा कि जॉर्डन एक ऐसी पवित्र भूमि पर आबाद है, जहां से खुदा का पैगाम पैगंबरों और संतों की आवाज बनकर दुनिया भर में गूंजा। मजहब का मर्म अमानवीय हो ही नहीं सकता। हर पंथ, हर संप्रदाय, हर परंपरा मानवीय मूल्यों  को बढ़ावा देने के लिए ही है, इसलिए आज सबसे ज्यादा जरूरत ये है कि हमारे युवा एक तरफ मानवीय इस्लाम से जुड़े हों और दूसरी तरफ आधुनिक विज्ञान और तरक्की के साधनों का इस्तेमाल भी कर सकें।

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दुनिया भर के मजहब और मत भारत की मिट्टी में पनपे हैं। यहां की आबोहवा में उन्होंने जिंदगी पाई, सांस ली। यहां हर भारतीय को गर्व है अपनी विविधता की विशेषता पर। अपनी विरासत की विविधता पर, और विविधता की विरासत पर। चाहे वह कोई जुबान बोलता हो। चाहे वह मंदिर में दिया जलाता हो या मस्जिद में सजदा करता हो, चाहे वह चर्च में प्रार्थना करे या गुरुद्वारे में शबद गाये।

मोदी ने आगे कहा कि यहां से भारत के प्राचीन दर्शन और सूफियों के प्रेम और मानवतावाद की मिली-जुली परंपरा ने मानव मात्र की मूलभूत एकता का पैगाम दिया है। मानव मात्र के एकात्म की इस भावना ने भारत को ‘वसुधैव कुटुम्बकम्’ का दर्शन दिया है। भारत ने सारी दुनिया को एक परिवार मानकर उसके साथ अपनी पहचान बनाई है।

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उन्‍होंने कहा कि यह वो शक्ति है जिसके बल पर हर भारतीय के मन में आपने गौरवशाली अतीत के प्रति आदर है, वर्तमान के प्रति विश्‍वास है और भविष्य पर भरोसा है। इतना ही नहीं हमारी विरासत और मूल्य, हमारे मजहबों का पैगाम और उनके उसूल वह ताकत हैं, जिनके बल पर हम हिंसा और दहशतगर्दी जैसी चुनौतियों से पार पा सकते हैं। इंसानियात के खिलाफ दरिंदगी का हमला करने वाले शायद यह नहीं समझते कि नुकसान उस मजहब का होता है, जिसके लिए खड़े होने का वो दावा करते हैं।

इस दौरान कार्यक्रम में जॉर्डन के किंग अब्दुल द्वितीय बिन-अल-हुसैन के साथ कई मुस्लिम धर्म गुरु भी मौजूद रहे हैं। वहीं कार्यक्रम में शामिल होने से पहले जॉर्डन के किंग राष्ट्रपति भवन पहुंचे। राष्ट्रपति भवन में रामनाथ कोविंद ने और पीएम मोदी ने उनका स्वागत किया।

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