मोदी ने कि मन की बात, कहा इसरो ने बढ़ाया देश का गौरव

मन की बात
फाइल फोटो।

आरयू वेब टीम।

पीएम नरेंद्र मोदी ने आज 29वें ‘मन की बात’ कार्यक्रम के जरिए लोगों को संबोधित किया। उन्‍होंने कहा कि हम सलाम करते हैं इसरो को कि उन्‍होंने दुनिया भर में देश को गौरव प्रदान किया है।

पीएम ने इसरो की सराहना करते हुए कहा कि, ‘इसरो ने मेगा मिशन के माध्‍यम से एक साथ विभिन्न देशों के 104 सैटेलाइट को अन्तरिक्ष में सफलतापूर्वक लॉन्च किया है।

उन्होंने इसरो में कार्यरत महिलाओं की तारीफ की और कहा कि महिलाओं की भागीदारी विकास में हर जगह बढ़ रही।’ पीएम ने कहा- ’15 फरवरी को भारत के इतिहास का गौरवपूर्ण दिन रहा। इसरो ने कई अभूतपूर्व मिशन को पूरा करने में सफलता पाई है।

इस सफलता के बाद भारत दुनिया का पहला देश बन गया है। हमारे लिये ये भी खुशी की बात है कि इस अभियान का नेतृत्‍व युवाओं समेत महिला वैज्ञानिकों ने किया है। एक और उपलब्धि भी भारत को रक्षा क्षेत्र में मिली है वो यह है कि जमीन से 100 किलोमीटर की ऊंचाई पर दुश्मन की मिसाईल  को ढेर करने में सफलता मिलेगी।

दुनिया के चार-पांच ही ऐसे देश हैं जिन्हें ये महारत हासिल है। हमारी युवा-पीढ़ी का विज्ञान के प्रति आकर्षण बढ़ना शुभ संकेत है, देश को बहुत सारे वैज्ञानिकों की जरूरत है। मोदी ने डिजिटल धन का उल्लेख करते हुए कहा कि इस ओर विशेष ध्‍यान दिया जा रहा है, लोग नकद से डीजिटल करेंसी  की तरफ़ बढ़ रहे हैं। 14 अप्रैल डॉ. बाबा साहेब अम्बेडकर जयंती का पर्व है। उनका स्मरण करते हुए लोगों से ज्‍यादा से ज्‍यादा भीम एप्‍प डाउंलोड करने और लोगो को चलाना सिखाने की अपील की। इसी ऐप के जरिए डीजिटल पेमेंट एक आंदोलन बनेगा।

मौसम पर बात करते हुए कहा कि सर्दी का मौसम अब जाने को है, बसंत आने को है। पीएम ने बसंत, महाशिवरात्री और होली की बधाई देते हुए कहा कि बसंत और होली जैसे त्‍योहार हमारे जीवन में रंग भरते हैं। हम फाल्गुन महीने को विदा करने वाले हैं और नये मास चैत्र का स्वागत करने को तैयार बैठे हैं। बसंत ऋतु इन्हीं दो महीनों का संयोग है।

पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि मैं देश के नागरिकों का आभार व्‍यक्‍त करता हूं, मांगने पर मन की बात के लिए ढेरों सुझाव भेजते है।

इसके अलावा प्रधानमंत्री की कुछ खास बातें यह भी थी –

किसानों के परिश्रम से इस वर्ष रिकार्ड अन्न उत्पादन हुआ है।

इस वर्ष देश में लगभग 2 हज़ार 700 लाख टन से भी ज्यादा खाद्यान्न का उत्पादन हुआ है।

किसान परंपरागत फसलों के साथ-साथ देश के ग़रीब को ध्यान में रखते हुए अलग-अलग दालों की भी खेती करें क्योंकि दाल से ही सबसे ज़्यादा प्रोटीन ग़रीब को प्राप्त होता है।

देश के किसानों ने गरीबों की आवाज़ सुनी और क़रीब-क़रीब दो सौ नब्बे लाख हेक्टेयर धरती पर भिन्न-भिन्न दालों की खेती की, ये सिर्फ दाल का उत्पादन नहीं है, किसानों के द्वारा हुई मेरे देश के ग़रीबों की सबसे बड़ी सेवा है।

दिव्यांगों का जिक्र करते हुइए उन्होंने कहा कि रिओ पैरा ओलम्पिक में हमारे दिव्यांग खिलाड़ियों ने बेहतर प्रदर्शन किया।