फिर सामने आयी चीन की गुंडई, उत्तराखण्ड में चार किलोमीटर अंदर तक घुसे चीनी सैनिक

चीन की गुंडई
फाइल फोटो।

आरयू वेब टीम। 

डोकलाम गतिरोध के बाद भारत के साथ चीन की गुंडई का मामला एक बार फिर आज सामने आया है। उत्‍तराखण्‍ड के चमोली से सटी सीमा पर बाड़ाहोती क्षेत्र में चीनी सैनिक करीब चार किलोमीटर तक भारत में घुस आए।

बताया जा रहा है कि बीते अगस्‍त महीने में तीन बार चीन के सैनिक क्षेत्र में करीब चार किमी तक अंदर तक घुस गए। सूत्रों ने मीडिया को जानकारी दी है कि अगस्त में चीन की सेना पीपल्स लिबरेशन आर्मी ने सेंट्रल सेक्टर में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) को तीन बार पार किया, जिसमें उत्तराखंड के बाराहोती में वे घुस गए।

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ये घुसपैठ छह अगस्त, 14 अगस्त और 15 अगस्त को राहोती के रिमखिम पोस्ट के नजदीक की गयी। इस दौरान चीनी सेना ने 400 मीटर से लेकर चार किलोमीटर अंदर तक भारत में घुसपैठ की है।

उल्‍लेखनीय है कि जोशीमठ से 105 किलोमीटर दूर चमोली में चीन से जुड़ी भारतीय सीमा घुसपैठ की दृष्टि से संवेदनशील मानी जाती है। खासकर 80 वर्ग किलोमीटर में फैला बाड़ाहोती चारागाह। यहां स्थानीय लोग अपने मवेश्यिों को लेकर आते हैं।

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यहां आपको ये भी बताते चलें कि अप्रैल में जारी इंडो-तिब्बन बॉर्डर पुलिस यानी आइटीबीपी की रिपोर्ट में बताया गया था कि चीन ने अरुणाचल प्रदेश के उत्तरी पैंगोंग झील के पास गाड़ियों के जरिये 28 फरवरी, सात मार्च और 12 मार्च 2018 को घुसपैठ की।

इसके अलावा रिपोर्ट में कहा गया है कि पैंगोंग झील के पास तीन जगहों पर चीनी सेना ने घुसपैठ की जिसमें वो करीब छह किलोमीटर तक अंदर घुस आए थे। हालांकि आइटीबीपी जवानों के विरोध पर चीनी सैनिक वापस लौट गए थे।

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इन मामलों को देखकर कहा जा सकता है कि चीनी सेना डोकलाम के बाद अब अरुणाचल प्रदेश से सटी सीमाओं पर तनाव बढ़ाने वाली लगातार हरकत कर रही है। वह भारतीय सैनिकों की गश्त पर भी आपत्ति जता चुकी है।

इस मामले में रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि चीन के मुकाबले भारतीय सेना का बुनियादी ढांचा कमजोर है, लेकिन भारत 1962 के मुकाबले काफी आगे जा चुका है।

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