BRD हादसा: योगी के इस्‍तीफे की मांग को लेकर विधानसभा घेरने जा रहे कांग्रेसी गिरफ्तार, राजबब्‍बर को बस में ठूंसकर ले गई पुलिस

कांग्रेसी गिरफ्तार

आरयू ब्‍यूरो,

लखनऊ। गोरखपुर के बाबा राघवदास मेडिकल कालेज में लगभग 70 बच्चों की मौत के मामले में लगातार योगी सरकार पर हमलावर हो रही कांग्रेस ने आज हजरतगंज गांधी प्रतिमा के पास सड़क पर जबरदस्‍त प्रदर्शन कर मुख्‍यमंत्री से इस्‍तीफे की मांग करने के साथ ही बच्‍चों की हत्‍यारी सरकार नहीं चलेगी व मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ समेत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विरोध में भी जमकर नारेजबाजी की।

इस दौरान कांग्रेसियों ने विधानसभा के घेराव का भी प्रयास किया। हालांकि पुलिस कांग्रेस के प्रदेश अध्‍यक्ष राजब्‍बर समेत सैकड़ों की संख्‍या में कांग्रेसियों को बलपूर्वक रोकने के साथ ही गिरफ्तार करने के बाद बसों में ठूंसकर गोसाईंगंज थाने ले गई। इस दौरान कई कांग्रेसी घायल भी हो गए।

राजबब्बर
राजबब्बर को लादकर ले जाते पुलिस के जवान।

यह भी पढ़ें- BRD हादसा: प्रिंसिपल को ‘बलि का बकरा’ बनाकर मामले में लीपापोती न करें योगी सरकार: मायावती

जब आक्‍सीजन की कमी से मौतें नहीं हुई तो छापेमारी क्‍यों

गिरफ्तारी से पहले प्रदेश अध्यक्ष राजबब्बर ने कहा कि जिस प्रकार मुख्यमंत्री योगी आदित्‍यानथ ने बच्चों की मौत पर गोरखपुर में खुलेआम झूठ बोला है उसका पर्दाफाश करने के लिए कांग्रेसजन विधानसभा जाकर मुख्यमंत्री का कार्यालय घेरकर इस्तीफा देने के लिए बाध्य करेंगे। राजबब्‍बर ने सवाल उठाते हुए कहा कि बच्चों की मौत होते ही मुख्यमंत्री का एकतरफा यह कह देना कि आक्सीजन की कमी से मौतें नहीं हुई हैं, लेकिन इसकी जांच करायी जायेगी, ऐसा क्यों? आक्सीजन की कमी से मौत नहीं हुई तो आक्सीजन वेंडर के यहां रात्रि में छापा क्यों?

यह भी पढ़ें- गोरखपुर में 30 बच्‍चों की मौत के लिए जिम्‍मेदार है योगी सरकार: राजबब्‍बर

मुख्‍यमंत्री दें जवाब

राजबब्‍बर ने कहा कि फरवरी से लेकर 9 अगस्त तक पुष्पा एजेंसी ने 17 पत्र लिखे जिसमें हर पत्र की प्रतिलिपि सूचनार्थ प्रमुख सचिव स्वास्थ्य, स्वास्थ्य मंत्री एवं मुख्य सचिव तक को भेजा। जबकि आपने एक प्राचार्य, वरिष्ठ डाक्टर राजीव मिश्रा को निलंबित कर दिया। उसका गुनाह क्या है? जबकि आपने इतने पत्रों के बाद भी पैसा पांच अगस्त को रिलीज किया, सात अगस्त को राजकीय कोषागार में पहुंचा। अगले दिन अवकाश था। 9 व 10 अगस्त को खुद मुख्‍यमंत्री वहां पर थे। प्रिंसिपल और सारा अस्पताल उनकी आवभगत में लग गया। 11 अगस्त को पैसा रिलीज किया गया इस हिसाब से गुनाहगार कौन हैं मुख्‍यमंत्री जवाब दें।

कांग्रेसी गिरफ्तार
विधानसभा पहुंचने से पहले बैरिकेटिंग कर कांग्रेसियों को रोकती पुलिस।

योगी कर रहें जांच प्रभावित

वहीं जांच रिपोर्ट आने के पहले ही मुख्यमंत्री का यह कहना कि मौतें इंसेफेलाइटिस से हुई है इससे साबित होता है कि मुख्यमंत्री जांच को प्रभावित कर रहे हैं। बच्चों की मौत के 36 घंटे बाद मुख्यमंत्री का संवेदना व्यक्त करना यह प्रकट करता है कि वह खुद अति संवेदनहीन हैं। इन मौतों की पूरी जिम्मेदारी प्रदेश सरकार और उसके मुखिया की है। अपनी जिम्मेदारी से बचने के लिए अधिकारियों एवं डाक्टरों पर गाज गिरायी जा रही है।

झूठ बोल रहें सीएम

वहीं कांग्रेस प्रदेश अध्‍यक्ष ने यह भी दावा किया कि जापानी इंसेफेलाइटिस की बीमारी के इलाज के सम्बन्ध में प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ झूठ बोल रहे हैं। राजबब्बर ने कहा कि गुलाम नबी आजाद ने उन्‍हें बताया है कि सांसद के रूप में उनसे योगी आदित्यनाथ इन समस्याओं को लेकर कभी नहीं मिले। अगर वह मिले है तो 2004 से 2014 के बीच कब इसका ब्‍यौरा भी सबके सामने रखें।

प्रदेश अध्‍यक्ष ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, राहुल गांधी, पूर्व स्वास्थ्य मंत्री गुलाम नबी आजाद ने गोरखपुर के लिए योजना बनाई। एम्स व बीआरडी मेडिकल कालेज को सुपर स्पेशियालिटी हास्पिटल बनाने के लिए डेढ़ सौ करोड़ रूपये दिया एवं मेडिकल कालेज में ही आधुनिकतम टेक्नालॉजी एवं सुविधाओं से लैस सौ बेड का इंसेफेलाइटिस वार्ड बच्चों के लिए दिया। अन्य सुविधाओं के लिए यूपीए सरकार द्वारा साढ़े चार हजार करोड़ रूपये प्रदान किए गए।। जापानी तकनीक लाने एवं मदद करने के लिए आदि 17 कमेटियां बनी। अब योगी आदित्‍यनाथ जनता को बताए कि इन 17 कमेटियों में कितनी कमेटियों से वह मिले? लड़ाई वो किससे लड़ रहे हैं? बीमारी से या बच्चों को इस रोग से मुक्त या पूर्वांचल को इंसेफेलाइटिस बीमारी से मुक्त कराने के लिए?

आयाज खान ‘अच्छू’
जन आंदोलन के मंडल प्रभारी आयाज खान ‘अच्छू’ व महिला कांग्रेसी को गिरफ्तार करती पुलिस।

वहीं पूर्व मंत्री सत्यदेव त्रिपाठी ने कहा कि योगी आदित्यनाथ जबसे लोकसभा के सदस्य बने हैं, इंसेफेलाइटिस की बीमारी के बारे में बयानबाजी करते हुए तत्कालीन प्रधानमंत्री एवं प्रदेश के मुख्यमंत्री तथा प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री का त्यागपत्र मांगते रहे हैं और अब जब स्वयं मुख्यमंत्री हैं तो यही बात खुद पर लागू क्यों नहीं करते हैं। दायें-बायें बात टालने की जगह योगी खुद क्‍यों नहीं सीएम पद से इस्‍तीफा दे रहे हैं।

विधानसभा का घेराव करने जा रहे प्रदेश अध्‍यक्ष राजबब्‍बर समेत 153 महिला और पुरुष कांग्रेसी नेताओं को बाद में थाने से निजी मुचलके पर छोड़ दिया गया।

प्रदर्शन करने वालों में मुख्‍य रूप से महिला कांग्रेस की उपाध्यक्ष सुशीला शर्मा, युवा कांग्रेस मध्य जोन के अध्यक्ष अंकित परिहार, एनएसयूआई के मध्य जोन के अध्यक्ष मयंक तिवारी, अल्पसंख्यक विभाग के चेयरमैन हाजी सिराज मेंहदी, नदीम अशरफ जायसी, रमेश श्रीवास्तव, पूर्व मंत्री रामकृष्ण द्विवेदी, सेवादल के प्रमोद पाण्डेय, जन आंदोलन के मंडल प्रभारी आयाज खान ‘अच्‍छू’, अराधना मिश्रा, आजाद कुमार, अखिलेश प्रताप सिंह, श्याम किशोर शुक्ल, आरपी त्रिपाठी, अनुसुइया शर्मा, हनुमान त्रिपाठी, एसपी गोस्वामी, वीरेन्द्र मदान समेत सैंकड़ों लोग मौजूद रहें।

यह भी पढ़ें- अखिलेश का योगी पर हमला, सुधरने की जगह मीडिया पर दोष मढ़ रही अमानवीय सरकार