विधान परिषद में सपा-बसपा के गठबंधन पर योगी का हमला, नेताओं को बताया ‘सर्कस का शेर’

सर्कस का शेर

आरयू ब्‍यूरो, 

लखनऊ। हाल ही में हुए सपा और बसपा के गठबंधन पर आज मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने ती‍खा तंज कसा है। योगी ने विधान परिषद में 2018-19 के बजट पर चर्चा के दौरान सपा और बसपा सुप्रीमो की ओर इशारा करते हुए कहा कि कुछ लोग आजकल सर्कस के शेर हो गये हैं। सर्कस का जो शेर होता है वह शिकार करने में असमर्थ होता है, इसलिये दूसरों की जूठन पर ही अपनी पीठ थपथपाता और गौरवान्वित होने की कोशिश करता है।

सीएम ने गठबंधन पर कटाक्ष करते हुए आगे कहा कि वह इसलिए गौरवाविंत होता है, क्योंकि उसे लगता है कि उसे कोई शिकार मिल गया है, तो ‘सर्कस का शेर’ बनने के बजाय खुद पर और अपने स्वाभिमान पर विश्वास करें तो बहुत अच्छी बात होगी।

समाजवाद नहीं, देश चाहता है राष्‍ट्रवाद

योगी ने समाजवाद को लेकर भी एक शब्द का इस्तेमाल किया, जिस पर सपा सदस्यों ने कड़ी आपत्ति जताते हुए पीठ से इसे सदन की कार्यवाही से निकालने का अनुरोध किया। वहीं योगी ने अपनी बात जारी रखते हुए कहा कि समाजवाद ‘मृगतृष्णा’ से ज्यादा कुछ नहीं है। देश समाजवाद नहीं, बल्कि राष्‍ट्रवाद चाहता है।

यह भी पढ़ें- योगी का सपा-बसपा पर तंज, कहा परिणाम से निकली गठबंधन की हवा

सपा सदस्यों ने कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि समाजवाद तो संविधान के प्राक्कथन का हिस्सा है। मुख्यमंत्री सरकार के सबसे बड़े पद पर हैं और संविधान की ही शपथ लेकर यहां पहुंचे हैं। उन्हें समाजवाद के बारे में ऐसा नहीं कहना चाहिये।

यह भी पढ़ें- गेस्‍ट हाउस कांड: अखिलेश को निर्दोष बताने पर डिप्‍टी सीएम ने मायावती से पूछा अन्‍य के बारे में क्‍या है राय

वहीं सीएम ने एक बार फिर हमला जारी रखते हुए समाजवाद के बारे में कहा कि उन्हें इस ‘बहुरूपिए ब्रांड’ के बारे में अच्छी जानकारी है। यह ब्रांड कभी जर्मनी में नाजीवाद के रूप में और इटली में फासीवाद के रूप में देखने को मिला है। क्या उत्तर प्रदेश में इसका वीभत्स रूप गुंडाराज के तौर पर देखने को नहीं मिला है?

यह भी पढ़ें- सपा-बसपा में फूट डालना चाहती है BJP, आगे की रणनीति का खुलासा कर ये बातें भी बोली BSP सुप्रीमो

भारी विरोध के बीच यूपीकोका भी हुआ पास

वहीं आज विधान परिषद में विपक्ष के भारी विरोध के बीच उत्तर प्रदेश संगठित अपराध नियंत्रण विधेयक (यूपीकोका) पास हो गया। विधेयक को अब राज्यपाल की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। राज्यपाल इसे अनुमति के लिए राष्ट्रपति को संदर्भित करेंगे। राष्ट्रपति की अनुमति के बाद यूपीकोका कानून प्रभावी हो जाएगा। इससे पहले मंगलवार को विधानसभा में इसे पास करवा लिया गया था।

यह भी पढ़ें- विधानसभा में फिर पास हुआ यूपीकोका बिल, योगी ने कहा कोई नहीं कर सकता दुरूपयोग