स्‍कूली वैन की टक्‍कर से बुलेट सवार सगे भाईयों की मौत, परिजनों में कोहराम

सगे भाइयों की मौत
दुर्घटना के बाद वैन का कुछ ऐसा था हाल।

आरयू संवाददाता, 

लखनऊ। रविवार की देर रात राजधानी में आयी आंधी के बीच पीजीआइ इलाके में एक दुर्घटना हो गयी। वृन्‍दावन कॉलोनी में तेज रफ्तार स्‍कूली वैन ने बुलेट (मोटरसा‍इकिल) को टक्‍कर मार दी। जिससे बुलेट सवार दो सगे भाईयों की मौत हो गयी। हादसे के समय दोनों भाई एक वैवाहिक कार्यक्रम में शामिल होने के बाद घर लौट रहे थे।

दुर्घटना के बाद वैन का चालक वाहन छोड़कर भाग निकला। पुलिस शवों को पोस्‍टमॉर्टम के लिए भेजने के साथ ही वैन चालक की तलाश कर रही है। वहीं एक साथ दो बेटों की मौत से मृतक के परिजनों में कोहराम मचा है।

सगे भाइयों की मौत
शैलेंद्र यादव। (फाइल फोटो)

वृन्‍दावन कॉलोनी के सेक्‍टर सात (चिरैया बाग) निवासी मिश्री लाल यादव दूध की डेयरी चलाते है। जिसमें उनके चार बेटे मद्द करते हैं। रविवार की रात मिश्री लाल का बड़ा बेटा शैलेंद्र यादव उर्फ बब्‍लू (35) अपने छोटे भाई आशुतोष यादव (30) के साथ वृन्‍दावन कालोनी के सेक्‍टर दस में स्थित एक सामुदायिक केंद्र में आयोजित वैवाहिक समारोह में हिस्‍सा लेने गया था।

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जहां से देर रात दोनों भाई एक ही बुलेट से घर लौट रहे थे। इस दौरान आंधी भी चल रही थी। बुलेट के वृन्‍दावन पुलिस चौकी से कुछ ही दूरी पर स्थित एक मोड़ के पास पहुंचने पर सामने से तेज रफ्तार में आ रही न्‍यू स्‍टैर्ण्‍ड पब्लिक स्‍कूल की वैन ने उसे टक्‍कर मार दी। टक्‍कर इतनी जबरदस्‍त थी कि वैन का अगला हिस्‍सा क्षतिग्रस्‍त होने के साथ ही उसके पीछे का शीशा भी टूट गया, वहीं बुलेट भी बुरी तरह से क्षतिग्रस्‍त हो गयी।

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आशुतोष यादव। (फाइल फोटो)

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टक्‍कर की आवाज सुन मौके पर पहुंची स्‍थानीय चौकी की पुलिस ने बेहद नाजुक स्थिति में शैलेंद्र और आशुतोष को ट्रॉमा सेंटर पहुंचाया। जहां जांच के बाद डॉक्‍टरों ने उन्‍हें मृत घोषित कर दिया।

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पिछले साल हुई थी शैलेंद्र की शादी

वहीं घटना की जानकारी लगते ही मृतक के परिजनों में रोना-पीटना मच गया। रोते-कलपते ट्रॉमा सेंटर पहुंचे परिजनों ने बताया कि शैलेंद्र की शादी अभी पिछले ही साल हुई थी। जबकि कुछ समय पहले छोटे भाई आशुतोष ने पुलिस में दरोगा भर्ती की परीक्षा पास की थी। घर में खुशियां आई ही थी कि काल के क्रूर पंजे ने उनसे सबकुछ छीन लिया।

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दुर्घटनाग्रस्त बुलेट।

जवानों बेटों की मौत से जहां मां-बाप का रो-रोकर बुरा हाल था, वहीं पिछले साल ब्‍याह कर लायी गयी शैलेंद्र की पत्‍नी भी सुहाग उजड़ने के गम में बार-बार बेहोश हो जा रही थी।