मायावती ने कहा, ‘जमीर मारकर आजम खान कर रहे ‘बबुआ’ की चाटुकारिता’

रविदास पर राजनीत
मायावती। (फाइल फोटो)

आरयू ब्‍यूरो

लखनऊ। बसपा सुप्रीमो मायावती ने आज सपा के ताकतवर मंत्री और बेबाक नेता के रूप में पहचाने जाने वाले आजम खान पर हमला बोला है। मुस्लिमों का बसपा में भविष्‍य बताते हुए बसपा सुप्रीमो ने अपने एक बयान में कहा कि मुस्लिम समाज के लोगों का सपा का दामन छोड़ने पर आजम खान का उन पर लानत-मलानत भेजना अशोभनीय है। आजम अपना जमीर मारकर ‘बबुआ’(अखिलेश यादव) की चाटुकारिता कर रहे है।

मायावती ने दावा किया कि मुसलमानें के सपा का गुलाम बनाकर रखने की उनकी कोशिश पूरी तरह से नाकाम साबित हो गई है। अब मुस्लिम समाज के लोग खुद अपना अच्छा बुरा समझ कर के फैसला ले रहे हैं।

वह जान चुके है कि उत्तर प्रदेश में सिर्फ बसपा का मजबूत नेतृत्व ही बीजेपी, आरएसएस व प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साम्प्रदायिक व एजेंडों को फेल कर सकती है। यही वजह है कि मुस्लिम समाज के लोग विधानसभा चुनाव में बढ़ चढ़कर उनके साथ खड़े हो रहे। जिससे आजम खान नाराज है।

बसपा सुप्रीमो ने कहा कि आजम को अपने भविष्य से ज्यादा अपनी कौम, सूबे और मुल्‍क की फ्रिक करनी चाहिए। जहाँ तक बसपा की बात है तो हमने कभी किसी का सिर झुकने नहीं दिया।

बता दें कि हाल ही में आयोजित सपा की एक चुनावी जनसभा के दौरान मुस्लिमों के हाथों में बसपा के झंडे देख आजम खान ने उन पर नाराजगी जताई थी। मायावती के आज के हमले के बाद लोगों को हाजिर जवाब आजम खान के पलटवार का इंतजार है।

सपा-भाजपा पर लगाया मिलीभगत का आरोप

बसपा सुप्रीमो ने कहा कि आंकड़े गवाह है। जब-जब बसपा सत्‍ता में आई तो भाजपा कमजोर ही हुई, लेकिन सपा के गद्दी पर बैठने के बाद यह मजबूत हुई। ऐसा इसलिए होता है कि दोनों पार्टियों के लोग स्‍वार्थ के चलते एक-दूसरे की सहायता करते है।

इन्‍हीं की मिलीभगत के परिणाम के ही चलते सपा सरकार में करनैलगंज, मुजफ्फरनगर में भीषण सांप्रदायिक दंगे हुए। दोनों पार्टियां लोगों को बांटकर अपना राजनीतिक स्‍वार्थ पूरा करती है। जबकि बसपा के शासनकाल में प्रदेश दंगा-मुक्‍त रहता है। यह हर कोई जानता है।