TP नगर में ढलाई के दौरान गोदाम की शटरिंग ढही, तीन दबे

शटरिंग ढही

आरयू ब्‍यूरो,

लखनऊ। सरोजनीनगर के ट्रांसपोर्ट (टीपी) नगर में आज निर्माणाधीन गोदाम की शटरिंग ढलाई के दौरान एकाएक ढह गई। घटना में छत की ढ़लाई कर रहे तीन राजगीर मिस्त्री मलबे में दब कर बुरी तरह घायल हो गए। घायलों को मलबे से निकालकर लोकबन्‍धु अस्‍पताल में भर्ती कराया गया है। घटना के पीछे बिल्डिंग मालिक के साथ ही ठेकेदार की लापरवाही की बात सामने आ रही है, हालांकि अभी तक किसी ओर से मुकदमा नहीं दर्ज कराया है।

बताया जा रहा है कि कृष्णानगर के विजयनगर निवासी कपड़ा व्यवसाई रामदेव हासवानी व उनके भाई अशोक कुमार हासवानी का सरोजनीनगर स्थित टीपीनगर में प्लाट संख्या सी-61 में गोदाम का निर्माण हो रहा है। 11 हजार वर्गफीट की एरिया वाले इस निर्माणाधीन गोदाम के प्रथम तल पर छत ढलाई का काम चल रहा था।

शटरिंग ढही

ढलाई में पांच राजगीर मिस्त्री सहित करीब चार दर्जन मजदूर काम कर रहे थे। यहां काम कर रहे बिलासपुर-छत्तीसगढ निवासी राजगीर मिस्त्री लेखराम ने बताया कि छत ढालने के दौरान वाईब्रेट मशीन से मौंरग सीमेन्ट व गिट्टी युक्त मसाले को बराबर किया जा रहा था।

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तभी छत की करीब 500 वर्गफीट शटरिंग मसाले का लोड नहीं संभालने के चलते ढह गई। और छत ढालने का काम कर रहे लेखराम (28) व बिलासपुर-छत्तीसगढ के ही रहने वाले राजगीर मिस्त्री वीरेन्द्र उर्फ टिगू (40) और गुमान (23) उसके मसाले व बांस बल्‍ली के नीचे दब गए।

शटरिंग गिरते ही मौके पर मौजूद मजदूरों में हड़कम्प मच गया। यहां काम कर रहे लखीमपुर निवासी सुरेश कुमार व विलासपुर छत्तीसगढ के मोहित सहित सभी मजूदर अपने साथियों के मलबे में दबे होने की आशंका के चलते चीखने-चिल्लाने लगे। मजदूरो की चीख-पुकार सुनकर आसपास मौजूद अन्य लोग भी दौड़कर मौके पर पहुंचे और मलबे में दबे लेखराम, वीरेन्द्र और गुमान को किसी तरह बाहर निकालकर अस्‍पताल पहुंचाया। जहां उनकी हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है।

दूसरी ओर घटना की जानकारी पाकर सरोजनीनगर एसडीएम शैलेन्द्र कुमार सिंह, नायब तहसीलदार बिजनौर मोनिका वर्मा व सरोजनीनगर प्रभारी निरीक्षक दीपक दुबे भी मौके पर पहुंचे।

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अन्य मजदूरो के मलबे में दबे होने के संदेह पर जेसीबी मशीन मंगवाने के साथ ही फायर बिग्रेड को भी बुलाया गया। हालांकि बाद में घटनास्थल पर पहुंची जेसीबी मशीन से मलबे को हटावाया गया, लेकिन मलबे में अन्य कोई भी मजदूर दबा नही मिला।

रामदेव हासवानी ने मीडिया को बताया कि निर्माण कार्य सरोजनीनगर के गिन्दनखेड़ा निवासी ठेकेदार रामानन्द उर्फ नारायण तथा इंजीनियर अमित श्रीवास्तव की देखरेख में चल रहा है। शटरिंग का काम ठाकुरगंज के संजय के जिम्मे था। कुल 11 हजार वर्ग फुट एरिया में बनने वाले इस गोदाम का बेसमेन्ट तैयार हो चुका है और शनिवार को प्रथम तल की छत ढलाई का काम चल रहा था, तभी हादसा हो गया।

लापरवाही के चलते जा सकती थी कईयों की जान

मौके पर मौजूद प्रत्‍यक्षदर्शियों का कहना था कि निर्माण कार्य में मानकों की अनदेखी की जा रही थी। शटरिंग भी गलत तरीके से की गई थी, जो मसाले का भार भी नहीं सह सकी। यह तो भला हुआ कि एक हिस्‍सा ही शटरिंग का गिरा और समय रहते लोगों ने मलबे में दबे राजगीरों को निकाल लिया। अगर पूरी शटरिंग गिरती तो कई मिस्‍त्री और मजदूरों की जान चली जाती।

बताते चले कि राजधानी में आए दिन निर्माणाधीन भवनों में हादसों की चपेट में आकर मजदूरों की जान जाती रहती है, लेकिन गरीबी के चलते न तो मजदूर के परिजन पैसे और रसूख वालों के खिलाफ जा पाते है और न ही एलडीए व प्रशासन को इसकी फिक्र होती है कि निर्माण स्‍थल पर मानकों का पालन कराया जाए। हालांकि गरीबों के मौत की महक लगते ही पुलिस के साथ ही एलडीए इंजीनियरों की निर्माणाधीन बिल्डिंगों के मालिकों से सौदेबाजी जरूर शुरू हो जाती है।

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इंस्‍पेक्‍टर सरोजनीनगर ने बताया कि घायलों की ओर से कोई तहरीर नहीं दी गई है। शिकायत मिलने पर मुकदमा दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जाएगी। वहीं दूसरी ओर एलडीए के अधिशासी अभियंता आरडी वर्मा का कहना था कि निर्माणाधीन भवन का नक्‍शा पास था। मौके पर मानकों को पूरा कराना एलडीए का काम नहीं है।