प्रदेश प्रवक्‍ता समेत तीन को सपा कार्यालय में प्रवेश से रोकने पर हंगामा

sapa sangram

आरयू ब्‍यूरो

लखनऊ। सपा में चल रहे घमासान के बीच आज समाजवादी चिन्‍तक, समाजवादी चिन्‍तन सभा के अध्‍यक्ष व सपा के प्रवक्‍ता दीपक मिश्रा समेत वरिष्‍ठ नेता रघुनन्‍दन सिंह ‘काका’ और चौधरी रक्षपाल सिंह को पार्टी कार्यालय में प्रवेश नहीं करने देने पर हंगामा हो गया।

आज सुबह प्रदेश कार्यालय जा रहे तीनों लोगों को गेट पर तैनात सुरक्षाकर्मियों ने यह कहकर अंदर जाने नहीं दिया कि ऊपर से जिसके लिए आदेश होगा उसे ही अंदर जाने दिया जाएगा। प्रवेश नहीं पाने से क्षुब्‍द्ध शिवपाल यादव के समर्थकों ने प्रदेश कार्यालय के बाहर प्रदर्शन और नारेबाजी की। इस दौरान विधायक शारदा प्रताप शुुक्‍ला ने भी कुछ देर के लिए उनका समर्थन किया, हालांकि अखिलेश यादव के समर्थकों के जमा होने पर विधायक वहां से चले गए।

रोका जाना समाजवादी मूल्‍यों और वफादारी का अपमान: दीपक मिश्रा

दीपक मिश्रा ने कहा कि हम लोगों ने सपा की सरकार बनाने और बसपा को हटाने के लिए हजारों रातें बसों और जेलों में बिताई है। इतना ही नहीं अनगिनत कार्यक्रम व गोष्ठियां समाजवाद के साथ ही सपा को मजबूत करने के लिए किया। बदले में सरकार से कोई लाभ नहीं लिया है।

सम्‍मान की जगह अपने ही कार्यालय में जाने से इस तरह से रोका जाना अनुचित के साथ ही समाजवादी मूल्‍यों और लंबी वफादारी का अपमान भी है। समझा जा रहा है कि रविवार को शिवपाल यादव की नेमप्‍लेट के साथ ही कमरों में ताला लगाए जाने की घटना से आक्रोशित अखिलेश यादव के समर्थकों के इशारे पर शिवपाल यादव के विश्‍वासपात्रों को कार्यालय से दूर रखा गया।

प्रदेश कार्यालय में प्रतिबंधित था मोबाइल

हर किसी के जिंदगी का हिस्‍सा बन चुके मोबाइल फोन को आज सपा के प्रदेश कार्यालय से दूर ही रखा गया। पार्टी कार्यालय के गेट के बाहर ही मोबाइल अंदर नहीं ले जाने की बात लिखा बोर्ड लगाया गया था। प्रदेश अध्‍यक्ष की ओर से लगवाए गए इस बोर्ड पर मोबाइल के प्रतिबंधित होने का कारण सुरक्षा बताया गया।

mobile bann

हालांकि गेट पर लोगों की तलाशी लेकर अंदर भेजने वाले सुरक्षाकर्मी यह नहीं बता सके कि आखिर मोबाइल से किसकी सुरक्षा को खतरा है। इस दौरान मीडियाकर्मी समेत दूर-दराज से आए नेतागण व फरियादियों को भी अपना मोबाइल बाहर रखने के बाद ही कार्यालय में प्रवेश मिल सका।

जानकारों का कहना है कि ऐसा पहली बार हुआ है, जब मोबाइल को कार्यालयक के भीतर प्रतिबंधित किया गया। दूसरी ओर रविवार को मुलायम सिंह यादव द्वारा कमरों में बंद करवाया गया ताला और शिवपाल यादव की नेमप्‍लेट आज भी लगी रही।