जाने, हिटलर और काली के रूप में क्‍यों नजर आईं किरण बेदी

उपराज्यपाल
फाइल फोटो।

आरयू वेब टीम।

पुडुचेरी की राज्‍य सरकार और उपराज्यपाल किरण बेदी के बीच टकराव की खबरे लगातार सुर्खियों में बनी हुई हैं। ऐसा ही टकराव एक बार फिर सामने आया है। किरण बेदी ने खुद ट्वीटर पर कुछ अखबारों की कटिंग और कुछ अन्‍य पोस्‍टर भी ट्वीट किए हैं, जिनमें किरण बेदी को हिटलर तो कहीं काली के रुप में पेश किया गया है। कहां जा रहा है कि ये पोस्टर राज्य में कांग्रेस के कार्यकर्ताओं द्वारा लगाए गए हैं।

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हिटलर

किरण बेदी ने खुद एक के बाद एक कई पोस्‍ट ट्वीट किए हैं। पहले पोस्‍ट में कुछ अखबारों की कटिंग है, जिनमें खबरों के साथ ही उनकी हिटलर के पोटर वाली फोटो भी लगी है वहीं दूसरी पोस्‍ट में एक बैनर और तीसरी पोस्‍ट में उन्‍हें मां काली के रुप में दिखाया गया है।

इन सभी पोस्‍ट से उनके और राज्‍य सरकार के बीच तलखियां साफ नजर आती हैं। बेदी ने आरोप लगाया कि पुडुचेरी सरकार चाहती है कि वह उनके फाइलों पर मुहर लगाने वाली एक ‘रबड़ स्टांप’ के रूप में काम करें, लेकिन वह ऐसा नहीं करेंगी।

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साथ ही इस संबंध में उन्‍होंने कहा मैं फाइलों की जांच करूंगी क्योंकि एक प्रशासक के तौर पर यह सुनिश्चित करना मेरी जिम्मेदारी है कि विवेकपूर्ण वित्तीय व्यवस्था, निष्पक्षता, न्याय सबकुछ बजट के भीतर है या नहीं।

किरण बेदी
काली के रूप में किरण बेदी

बता दें कि केंद्र शासित प्रदेश में वी. नारायण सामी की अगुवाई वाली कांग्रेस सरकार का किरण बेदी से टकराव रहा है। पिछले महीने ही पुडुचेरी विधानसभा ने उपराज्यपाल किरण बेदी के काम करने के तरीकों पर अंकुश लगाने के मकसद से एक प्रस्ताव पारित किया जिसमें मुख्यमंत्री वी. नारायणसामी के नेतृत्व वाली निर्वाचित सरकार को व्यापक अधिकार दिए जाने पर बल दिया गया है। पारित प्रस्ताव में उपराज्यपाल के अधिकारों में कटौती की मांग की गई है।

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प्रस्ताव पारित किए जाने के पहले विपक्षी एआईएनआरसी के दो सदस्यों नेकिरण बेदी का पक्ष लेते हुए सदन में इसका जोरदार विरोध किया था। नारायणसामी ने उपराज्यपाल के क्षेत्रों का दौरा करने, राज निवास में अधिकारियों से मुलाकात करने, वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए बैठकें करने तथा सोशल मीडिया के माध्यम से संदेश भेजने पर गहरी आपत्ति जताई थी।