भारतीय परंपरा को दुनिया में मिल रहा सम्‍मान, यहां गीता पढ़ाने पर विरोध शर्मनाक: भाजपा

अखिलेश-मायावती
राकेश त्रिपाठी। प्रदेश प्रवक्ता, भाजपा

आरयू ब्‍यूरो, 

लखनऊ। विद्यालयों में भागवत गीता पढ़ाएं जाने को लेकर उठे विवाद पर आज भाजपा ने विरोधियों पर निशाना साधा है। बीजेपी के प्रदेश प्रवक्‍ता राकेश त्रिपाठी ने इस मामले में कहा कि भारतीय सांस्कृतिक विरासतों को दुनिया स्‍वीकार कर रही है। भारत के योग को इस्लामिक देशों सहित दुनिया के 150 से अधिक देशों ने स्वीकार किया और अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर योग किया।

यह भी पढ़ें- राजभवन में रामदेव के साथ राज्‍यपाल और योगी ने किया योग, देखें तस्‍वीरें

उन्‍होंने आगे कहा कि विश्‍व धरोहर समिति ने कुम्भ मेला को यूनेस्को की विरासत सूची में शामिल कर भारतीय अध्यामिक पंरपरा को सम्मान दिया है। वन्दे मातरम् विश्व का दूसरा सर्वाधिक लोकप्रिय गीत है, लेकिन इसके बाद भी यह दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण है कि भारत में ही कुछ लोग भारतीय संस्कृति, परम्परा, रीति रिवाजों पर गर्व करने की बजाए उसे कटघरे में खड़ा करते है।

गीता के संदेश की बात करते हुए प्रदेश प्रवक्‍ता ने अपने बयान में कहा कि गीता का संदेश कर्मयोग की वृहद व्याख्या करता है। गीता सांसारिक कर्तव्यों के पालन की प्रेरणा देती है। जिनमें सम्पूर्ण मानवता का कल्याण निहित है। उत्तर प्रदेश के विद्यालयों में स्वतत्रता संग्राम सेनानी लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक द्वारा लिखित ‘गीता रहस्य‘ पुस्तक पर आधारित प्रतियोगिता बच्चों के मन में कर्म प्रधानता का भाव भरेगी, लेकिन इसको मजहबी भाव से देखना और इसका विरोध करना विपक्ष की मानसिक न्यूनता को दिखाता है।

यह भी पढ़ें- गुजरात में योगी ने बोला हमला, यहां के विकास कार्यों को देखें राहुल

राकेश त्रिपाठी ने विरोधी दलों पर आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा सरकार के हर निर्णय और विचार का विरोध करने की आदत ने विपक्ष को मानसिक तौर पर कमजोर कर दिया है। वन्दे मातरम्, भगवा रंग, सूर्य नमस्कार और योग के विरोध के बाद अब गीता पढ़ाए जाने का विरोध शर्मनाक है।