आरयू वेब टीम। 26 बेकसूरों की जान लेने वाले पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के मद्देनजर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पांच अप्रैल 2025 को एक फैसला लेते हुए देश के कई राज्यों को मॉक ड्रिल करने के निर्देश दिए हैं। यह ड्रिल नागरिक सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सात मई 2025 को आयोजित की जाएगी, जिसका उद्देश्य किसी संभावित आपात स्थिति के दौरान जनजीवन की रक्षा सुनिश्चित करना है।
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गृह मंत्रालय द्वारा सोमवार को जारी आदेश में कहा गया है कि इस अभ्यास के दौरान विभिन्न प्रकार की सुरक्षा तैयारियों को परखा जाएगा, जिससे नागरिकों, विशेष रूप से छात्रों और संवेदनशील क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को संकट की घड़ी में सतर्कता और सही प्रतिक्रिया देना सिखाया जा सके।
मॉक ड्रिल से जुड़ी अहम बातें
● हवाई हमले की चेतावनी मिलने पर सायरन बजाकर अलर्ट करना।
● आम नागरिकों और छात्रों को आपदा की स्थिति में बचाव के जरूरी उपायों की प्रशिक्षण देना।
● हमले के समय संपूर्ण क्षेत्र में ब्लैकआउट (बत्तियां बुझाना) सुनिश्चित करना।
● सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थलों और संयंत्रों को सुरक्षित और अदृश्य रखने की रणनीति पर काम करना।
● भीड़भाड़ वाले इलाकों को तत्काल खाली कराने की योजना बनाकर उसका रिहर्सल करना।
इस मॉक ड्रिल का मकसद लोगों को किसी भी आपात स्थिति के लिए तैयार करना है। इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह से मुलाकात की। वहीं पिछले दिनों वे एयरचीफ मार्शल एपी सिंह और नेवी चीफ दिनेश कुमार त्रिपाठी से भी मिल चुके हैं।
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गौरतलब है कि इस तरह का अभ्यास पिछली बार 1971 में भारत-पाक युद्ध के दौरान किया गया था। हाल ही में हुए पहलगाम आतंकी हमले के बाद दोनों देशों के बीच तनाव एक बार फिर चरम पर पहुंच गया है। ऐसे माहौल में केंद्र सरकार की यह पहल न केवल एक एहतियात भरा कदम है।