आरयू वेब टीम। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) की पूर्व सीईओ चित्रा रामकृष्ण और पूर्व सीओओ आनंद सुब्रमण्यम को सोमवार को सीबीआई ने दिल्ली की राउस एवेन्यू कोर्ट में पेश किया। यहां अदालत ने पूर्व सीईओ चित्रा रामकृष्ण को सात दिन और आनंद सुब्रमण्यम को दो दिन की सीबीआई कस्टडी में भेज दिया।
सीबीआई ने चित्रा को रविवार देर शाम चार दिन की पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया था, जबकि आनंद सुब्रमण्यम पहले ही सीबीआई रिमांड पर चल रहे थे। अदालत ने अपने आदेश में कहा कि सीबीआई द्वारा सीसीटीवी की निगरानी में चित्रा रामकृष्ण से पूछताछ की जानी चाहिए। अदालत ने उनके वकीलों को हर शाम उनसे मिलने की अनुमति देते हुए सीबीआई को यह सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया है कि हर 24 घंटे में चित्रा रामकृष्ण का मेडिकल परीक्षण किया जाए।
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विशेष न्यायाधीश संजीव अग्रवाल के समक्ष सीबीआई के मामले को पेश करते हुए, सरकारी वकील ने कहा कि रामकृष्ण “जांच में सहयोग नहीं कर रही थीं”। सीबीआई ने यह भी तर्क दिया कि एनएसई के पूर्व सीईओ ने सह-आरोपी आनंद सुब्रमण्यम के साथ “अपने पिछले संबंधों का खुलासा करने से इनकार कर दिया” और यहां तक कि उन्हें पहचानने से भी इनकार कर दिया।
हालांकि न्यायाधीश ने सीबीआई से जांच की धीमी गति और प्राथमिकी में नामित अन्य व्यक्तियों को अब तक गिरफ्तार नहीं करने पर सवाल भी किया। कोर्ट ने सीबीआई से कहा कि न्यायाधीश ने टिप्पणी की, “उन अन्य आरोपियों के बारे में जिनका नाम प्राथमिकी में था? वे मुख्य लाभार्थी हैं। उनका क्या? चार साल तक कोई कार्रवाई नहीं की गई। प्राथमिकी ठंडे बस्ते में थी।”
विशेष सीबीआई अदालत द्वारा उनकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज करने के बाद रविवार को नई दिल्ली में उन्हें हिरासत में ले लिया गया। चित्रा रामकृष्ण ने 2013 और 2016 के बीच एनएसई के सीईओ के रूप में कार्य किया। दरअसल चित्रा रामकृष्णन ने यह कहकर सभी को चौंका दिया था कि वो एनएसई के मामलों में एक ‘हिमालयन योगी’ के साथ जानकारी साझा करती रही थीं।