आरयू वेब टीम। भारतीय मुक्केबाज निखत जरीन ने करोड़ों देशवासियों की उम्मीदों पर खरा उतरते हुए तुर्की के शहर इस्तांबुल में 5-0 से शानदार जीत के साथ आईबीए महिला विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप के 12वें संस्करण में गोल्ड मेडल अपने नाम किया। निखत के चैम्पियनशिप जितने पर राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री व प्रियंका गांधी ने बधाई दी है।
राष्ट्रपिता रामनाथ कोविंद ने आज अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट के माध्यम से ट्वीट कर कहा, मुक्केबाजी चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक के लिए निकहत जरीन को हार्दिक बधाई। राष्ट्र को उन पर गर्व है। मुझे विश्वास है कि उनकी सफलता हमारे युवाओं, विशेषकर लड़कियों को अपने सपनों को साकार करने के लिए प्रेरित करेगी। मेरी विश है कि वह देश का नाम रौशन करती रहे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्विट कर कहा हमारे मुक्केबाजों ने हमें गौरवान्वित किया है! महिला विश्व मुक्केबाजी चैम्पियनशिप में शानदार स्वर्ण पदक जीतने के लिए निखत जरीन को बधाई। मैं मनीषा मौन और परवीन हुड्डा को भी इसी प्रतियोगिता में कांस्य पदक के लिए बधाई देता हूं।
वहीं प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर कहा, विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप में आपकी शानदार जीत भारत के लिए गर्व का क्षण है। शुभकामनाएं, निखत जरीन, मुझे आशा है कि आपका साहस अधिक से अधिक युवा महिलाओं को बाधाओं को तोड़ने और हर खेल में उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए प्रेरित करेगा
गौरतलब है कि निखत ने 52 किग्रा भार वर्ग के खिताबी मुकाबले में थाईलैंड की जितपोंग जुतामास को बिना किसी खास परेशानी से एकतरफा अंदाज में दोयम साबित किया। सभी पांच जजों ने भारतीय खिलाड़ी के पक्ष में 30-27, 29-28, 29-28, 30-27, 29-28 का स्कोर दिया।
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निजामाबाद (तेलंगाना) में जन्मी निखत जरीन मुक्केबाज छह बार की चैंपियन एमसी मैरी कॉम (2002, 2005, 2006, 2008, 2010 और 2018), सरिता देवी (2006), जेनी आरएल (2006) और लेख केसी (2006) के बाद विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक हासिल करने वाली पांचवीं भारतीय महिला बनीं।
इस प्रतिष्ठित वैश्विक आयोजन में 2018 में महान मुक्केबाज मैरी कॉम की खिताबी जीत के बाद से यह भारत का पहला स्वर्ण पदक भी है। आज के मुकाबले को देखें तो निखत ने अच्छी शुरुआत की और कुछ सटीक मुक्कों से शुरूआती तीन मिनट में जुतामास के खिलाफ बढ़त हासिल की। ऐसा नहीं था कि निखत के सामने खड़ी मुक्केबाज का स्तर अच्छा नहीं था। वह तीन बार की विश्व चैंपियनशिप पदक विजेता कजाकिस्तान की जैना शेकरबेकोवा को हराकर फाइनल में पहुंची थीं। इन सबकी परवाह किए बगैर 25 वर्षीय भारतीय मुक्केबाज ने अपने लंबे कद का पूरा फायदा उठाया और थाई मुक्केबाज के खिलाफ अपना दबदबा बनाए रखा।
निखत ने जुतामास को 2019 थाईलैंड ओपन के सेमीफाइनल में हराया था। जुतामास ने हालांकि दूसरे राउंड में जवाबी हमला करने की कोशिश की लेकिन वह काफी तेज और सटीक दिख रहीं निखत के सामने मुश्किल से ही कोई परेशानी पैदा करने में कामयाब हो सकीं। इसका कारण यह था कि निखत पूरी तरह से नियंत्रण में दिख रही थीं।
निखत ने सामने से अपनी विपक्षी खिलाड़ी पर सटीक मुक्के मारे और ताकत के साथ उनके सामने डटी रहीं। यह सब बातें उनके लिए काफी महत्वपूर्ण कारक साबित हुई और इसका फायदा निखत को अंतिम राउंड में मिला और वह अपना पहला फाइनल खेलते हुए लगातार हमले करती रहीं और अंत में विजेता बनकर उभरीं।