आरयू ब्यूरो, लखनऊ। पुलिस की कार्यप्रणाली से परेशान एक युवती ने आज यूपी विधानसभा के सामने जान देने की कोशिश की है। युवती का आरोप था कि उसके भाई की हत्या होने के चार महीने के बाद भी बागपत पुलिस दोषियो के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। युवती ने आज दोपहर विधानसभा के सामने अपने ऊपर पेट्रोल उड़ेल कर आत्मदाह का प्रयास किया, लेकिन वहां तैनात हजरतगंज पुलिस की सक्रियता ने युवती खुद को आग लगाने में सफल नहीं हो सकी। पुलिस ने युवती को किसी तरह से काबू करते हुए सिविल अस्पताल में भर्ती कराया है।
मिली जानकारी के मुताबिक बागपत की रहने वाली सुमन सिंह दोपहर में विधानभवन के सामने पहुंची थी। वहां पहुंचते ही उसने पेट्रोल से भरी बोतल निकाल ली और पहले पेट्रोल पीया और फिर अपने ऊपर उड़ेल लिया। युवती को पेट्रोल डालते ही देख वहां मौजूद पुलिस वालों के होश उड़ गए। आनन-फानन में पुलिस के जवानोंने सुमन को पकड़ लिया। सूचना पाकर मौके पर हजरतगंज कोतवाली की भी पुलिस पहुंच गई। पुलिस ने फौरन सुमन को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया।
युवती का कहना था कि उसके भाई अरविंद की चार महीना पहले ससुराल वालों ने हत्या कर दी गयी थी। शिकायत के बाद भी छपरौली पुलिस दोषियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रही है, जबकि वह चार महीनों से अधिकारियों के सामने अपने भाई के हत्यारों को सजा दिलाने की गुहार लगाते-लगाते थक चुकी है। इसी से परेशान होकर उसने खुद भी जान देने के लिए विधानसभा के सामने आत्मदाह की कोशिश की थी, लेकिन पुलिस ने उसे बचा लिया।
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इस मामले में अतिरिक्त इंस्पेक्टर हजरतगंज प्रमोद कुमार पांडेय ने मीडिया को बताया कि बागपत के छपरौली निवासी सुमन अपने परिवार संग रहती है। सुमन के मुताबिक उसके भाई अरविंद पुलिस विभाग में सिपाही था और मुरादाबाद पुलिस लाइन में तैनात था। बीती 27 मार्च को अरविंद मेरठ स्थित ससुराल जाने के की बात कहकर घर से निकला था और उसके बाद वह लापता हो गया है। परिजनो ने अरविंद के गायब होने की एफआइआर बागपत के छपरौली थाने में दर्ज कराई थी। गायब होने के आठ दिन बाद उसके भाई का शव गंग नहर में मिला था। इस मामले में अरिवंद की पत्नी और ससुराल वालों पर हत्या का आरोप लगा।
सुमन का आरोप है कि पुलिस ने मामले में कोई कार्रवाई नहीं की। एसपी बागपत ले लेकर अन्य उच्चाधिकारियों से मुलाकात की पर कार्रवाई कुछ नहीं हुई। बागपत पुलिस की कार्यशैली से परेशान होकर वह मंगलवार को पिता और एक रिश्तेदार के साथ लखनऊ मुख्यमंत्री से न्याय की गुहार लगाने आयी थी, लेकिन वहां भी बात नहीं बनी। फिलहाल हजरतगंज पुलिस ने घटना की सूचना बागपत पुलिस को दे दी है।