आरयू ब्यूरो, लखनऊ। मनरेगा में काम करने वाले श्रमिकों को हुनरमंद बनाने के लिए सरकार ने उन्नति परियोजना लागू की है। सरकार की मंशा है कि श्रमिक महज श्रमिक बनकर ही जीवन न काट दें, बल्कि अपने क्षेत्र में कुशल और हुनरमंद बनकर आगे बढ़ सकें। इसके लिए डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या ने निर्देश भी दिये हैं। इस योजना के क्रियान्वयन के लिए 18-45 वर्ष तक के सौ दिनों का रोजगार पूर्ण करने वाले मनरेगा जॉब कार्ड होल्डर और परिवार के पात्र, इच्छुक सदस्यों को ग्रामीण स्व-रोजगार प्रशिक्षण संस्थान (आरसेटी) के माध्यम से प्रशिक्षण दिया जायेगा है।
उक्त जानकारी देते हुए डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या ने कहा कि मनरेगा श्रमिक यदि हुनरमंद बनेंगे तो जो चाहेंगे वह काम करके अपनी आमदनी में इजाफा कर सकेंगे। केशव मौर्या ने ग्राम्य विकास विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया है कि उन्नति परियोजना का क्रियान्वयन पूरी निष्ठा इमानदारी, संवेदनशीलता व गम्भीरता के साथ करें। श्रमिकों के हितों से जुड़ी इस परियोजना के क्रियान्वयन में किसी भी स्तर पर लापरवाही या हीलाहवाली बर्दाश्त नहीं होगी।
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ग्राम्य विकास आयुक्त जीएस प्रियदर्शी ने बताया कि 2018-19 से वित्तीय वर्ष 2023-24 तक के सौ दिनों का रोजगार प्राप्त 18-45 वर्ष तक के पात्र और इच्छुक मनरेगा श्रमिकों का मुनादी करवाकर “मोबिलाइजेशन शिविर के जरिये चयन होगा। चयनित श्रमिकों का जिला स्तरीय कौशल विकास मिशन के माध्यम जरिये पंजीकरण कराया जायेगा। बाद में पंजीकृत लाभार्थियों को प्लम्बर, इलेक्ट्रिशियन, मेन्सन समेत अन्य व्यवसायों में ऑनलाइन बैच बनाकर प्रशिक्षण दिलाने की व्यवस्था की गई है। इसके लिए सभी जिलों के मुख्य विकास अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं।