आरयू वेब टीम। कथित आबकारी नीति घोटाले से जुड़े धनशोधन मामले में दिल्ली की एक अदालत ने भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) नेता के. कविता की मुश्किल बढ़ा दी है। उनकी न्यायिक हिरासत सोमवार को तीन जुलाई तक रहेगी। कविता के खिलाफ पहले जारी एक पेशी वारंट की तामील करते हुए उन्हें अदालत में पेश किया गया और विशेष न्यायाधीश कावेरी बावेजा ने उनकी न्यायिक हिरासत बढ़ा दी।
अदालत ने 29 मई को मामले में बीआरएस नेता के खिलाफ आरोपपत्र का संज्ञान लेते हुए वारंट जारी किया था। अदालत ने इस मामले में तीन सह-आरोपियों प्रिंस, दामोदर और अरविंद सिंह को जमानत दे दी। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच के दौरान तीनों आरोपितों के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया गया था। हालांकि उन्हें गिरफ्तार नहीं किया गया था।
कविता कथित घोटाले में ईडी और सीबीआइ द्वारा दर्ज दो मामलों में न्यायिक हिरासत में हैं। यह कथित ‘घोटाला’ दिल्ली सरकार की 2021-22 के लिए आबकारी नीति बनाने और उसके कार्यान्वयन में कथित भ्रष्टाचार और धन शोधन से संबंधित है। इस आबकारी नीति को बाद में रद्द कर दिया गया था। ईडी ने कविता (46) को 15 मार्च को हैदराबाद में उनके बंजारा हिल्स स्थित आवास से गिरफ्तार किया था। सीबीआई ने उन्हें तिहाड़ जेल से गिरफ्तार किया था।
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बता दे जांच एजेंसियों का आरोप है कि के कविता ‘साउथ ग्रुप’ की प्रमुख सदस्य थीं। इस ग्रुप पर आरोप है कि इसने दिल्ली में शराब के लाइसेंस हासिल करने के लिए आम आदमी पार्टी को सौ करोड़ रुपये की किकबैक दी थी। शराब नीति को बाद में रद्द कर दिया गया था। बीआरएस नेता ने अपनी याचिका में कहा था कि उनका शराब नीति से कोई लेना-देना नहीं हैं। उनके खिलाफ केंद्र की सत्तारूढ़ भाजपा के जरिए आपराधिक साजिश रची जा रही है।