आरयू ब्यूरो, लखनऊ/प्रयागराज। मुख्तार अंसारी के बेटे और मऊ विधानसभा के विधायक अब्बास अंसारी को इलाहबाद हाई कोर्ट से आज बड़ी राहत मिली है। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने पिस्टल सटाकर जमीन का जबरन बैनामा कराने के मामले में सुभासपा विधायक अब्बास अंसारी की जमानत मंजूर कर ली है।
हाई कोर्ट ने इस मामले मे दो अन्य अभियुक्त आतिफ रजा और अफरोज खान की जमानत भी मंजूर कर ली है। ये आदेश न्यायमूर्ति राजबीर सिंह ने अब्बास अंसारी की जमानत अर्जी पर दिया है, हालांकि मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जेल में बंद अब्बास अभी बाहर नहीं आ सकते।
अब्बास अंसारी के खिलाफ साल 2023 में गाजीपुर कोतवाली में फखर ने एफआईआर दर्ज कराते हुए आरोप लगाया कि अब्बास व अन्य ने वर्ष 2012 में पिस्टल सटाकर उससे जमीन का जबरन बैनामा करा लिया और उसका पैसा भी नहीं दिया। अब्बास अंसारी की जमानत के समर्थन में कहा गया है कि इस मामले में सुभासपा विधायक को राजनीतिक द्वेषवश झूठा फंसाया गया है।
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जमानत अर्जी में कहा गया है कि यह बात इसी से स्पष्ट है कि 2012 के घटना की एफआईआर 11 साल बाद 2023 में दर्ज कराई गई। सरकारी वकील ने जमानत अर्जी का विरोध किया। सुनवाई के बाद कोर्ट ने एक अगस्त को फैसला सुरक्षित कर लिया था, जिसे आज शुक्रवार को सुनाया गया।
गौरतलब है कि इसी मामले में आरोपित मुख्तार अंसारी के साले अनवर शाहजाद की जमानत मंजूर हो चुकी है। अब्बास मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जेल में बंद है। इसके साथ ही पत्नी निकहत से मुलाकात करने के मामले में भी जमानत नहीं मिली है, इसलिए अभी वह जेल से बाहर नहीं आ सकेंगे।