आरयू वेब टीम। दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण की गंभीर स्थिति को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को आदेश दिया कि ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान का चौथा चरण (ग्रैप-4) तब तक जारी रहेगा जब तक वायु गुणवत्ता अधिक सुधार नहीं होता। दिल्ली-एनसीआर की आबोहवा में भले ही थोड़ा सुधार देखने को मिला हो, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने सख्तियों में ढील देने से इनकार कर दिया है।
सुप्रीम कोर्ट ने वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग को निर्देश दिया कि वह यह विचार करे कि बड़ी संख्या में छात्र, जो स्कूल नहीं जा पा रहे हैं, मिड डे मील का लाभ नहीं उठा पा रहे हैं, ऑनलाइन कक्षाओं में हिस्सा नहीं ले पा रहे हैं और जो एयर प्यूरीफायर तक पहुंच नहीं बना पा रहे हैं, उनके लिए क्या किया जा सकता है। ऐसा माना जा रहा है कि दिल्ली-एनसीआर में स्कूल फिर से खुल सकते हैं, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने सीएक्यूएम को फिजिकल क्लास फिर से शुरू करने पर विचार करने की इजाजत दी है।
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सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए जरूरी उपायों के साथ ही, शहरी क्षेत्रों में वायु प्रदूषण के प्रभाव को कम करने के लिए दीर्घकालिक समाधान तलाशने की जरूरत है। सुप्रीम कोर्ट ने यह सुनिश्चित करने का निर्देश भी दिया कि वायु गुणवत्ता के संकट का समाधान लोगों के स्वास्थ्य को प्राथमिकता में रखते हुए किया जाए।
गौरतलब है कि राजधानी दिल्ली में पिछले कुछ दिनों से ग्रैप-4 की पाबंदियां लगी हुई हैं। वहीं स्कूल खोले जाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने इसकी जिम्मेदारी वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग को सौंपी है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ‘स्कूलों को फिलहाल खोलना है या नहीं इस मामले पर अब सीएक्यूएम आगे तय करेगा।