आरयू वेब टीम। कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एस एम कृष्णा का निधन हो गया है। वह 93 साल के थे। वह पिछले कुछ समय से उम्र संबंधी बीमारियों से पीड़ित थे। अस्पताल में उनका इलाज हुआ और वे घर लौट आये, जहां उन्होंने अंतिम सांस ली। जनता के अंतिम दर्शन के लिए आज उनके पार्थिव शरीर को सदाशिवनगर स्थित आवास पर रखा गया। पूर्व सीएम के निधन की खबर से राजनीतिक जगत में शोक की लहर दौड़ गई।
इस संबंध में एसएम कृष्णा के लंबे समय के दोस्त और रिश्तेदार डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने कहा कि अंतिम संस्कार कल सुबह उनके गृहनगर मंड्या जिले के मद्दूर के सोमनहल्ली में किया जाएगा। 2023 में केंद्र सरकार ने एस एम कृष्णा को पद्म विभूषण से सम्मानित किया था। मौजूदा समय में वह भाजपा से जुड़े थे। एस एम कृष्णा के निधन पर प्रदेश के मुख्यमंत्री समेत भाजपा और कांग्रेस के कई नेताओं ने शोक जताया है।
एसएम कृष्णा किसी समय कर्नाटक में कांग्रेस के बड़े नेता हुआ करते थे और राज्य की राजनीति में उनका काफी प्रभाव भी था। 1999 से 2004 तक वह कर्नाटक के मुख्यमंत्री रहे। बाद में वह मनमोहन सिंह की नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार में वह विदेश मंत्री भी रहे। मार्च 2017 में वह कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए थे।
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कृष्णा ने 1960 के आसपास अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत की थी। 1962 में उन्होंने मद्दुर विधानसभा सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ा था और कांग्रेस के उम्मीदवार को हराकर चुनाव जीत लिया था। इसके बाद उन्होंने प्रजा सोशलिस्ट पार्टी जॉइन की थी और 1968 में मंड्या लोकसभा सीट उपचुनाव जीत गए। फिर एस एम कृष्णा कांग्रेस में शामिल हुए और मंड्या लोकसभा सीट से 1971 में फिर से चुनाव जीत गए।
वहीं साल 1985 में एस एम कृष्णा फिर प्रदेश की सियासत में लौटे और विधानसभा चुनाव लड़ा। 1999 से 2004 तक वह प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे। दिसंबर 2004 से मार्च 2008 तक वे महाराष्ट्र के राज्यपाल रहे। मनमोहन सिंह सरकार में एस एम कृष्णा विदेश मंत्री के पद पर भी रहे। जनवरी 2023 में एस एम कृष्णा ने ऐलान किया था कि वो अब एक्टिव पॉलिटिक्स में नहीं रहेंगे।