आरयू ब्यूरो, लखनऊ। उत्तर प्रदेश के प्राथमिक और माध्यमिक स्कूलों में गर्मी की छुट्टियों की आधिकारिक घोषणा हो चुकी है। राज्य के करीब 1.33 लाख परिषदीय प्राथमिक विद्यालयों में 21 मई से गर्मी की छुट्टियां शुरू हो गई हैं। साथ ही स्कूल में छुट्टियों का मतलब है इन दिनों बच्चों के लिए समर कैंप कंडक्ट किए जा रहे हैं। हालांकि भीषण गर्मी में समर कैंंप को लेकर विवाद हो रहा है बड़ी संख्या में शिक्षक व बच्चों के अभिभावकों का मानना है समर कैंप का फैसला अफसरों ने व्यवहारिकता को दरकिनार करते हुए लिया है।
दूसरी ओर शिक्षा विभाग ने अपने फैसले के पक्ष में लंबा-चौड़ा तर्क देते हुए कहा है कि ये कैंप सिर्फ समय बिताने का माध्यम नहीं, बल्कि बच्चों के सर्वांगीण विकास का एक सशक्त प्रयास है। शिक्षा विभाग की मंशा है कि यह शिविर बच्चों के लिए एक यादगार और प्रेरणादायक अनुभव बने। समर कैंप का आयोजन प्रतिदिन सुबह सात बजे से दस बजे तक किया जाएगा, जिसमें बच्चों को योग, इनडोर खेल, क्राफ्ट, आनंददायक शिक्षण गतिविधियां और रचनात्मक कार्यों से जोड़ा जाएगा।
इस तीन घंटे के समय में बच्चों को न सिर्फ मानसिक बल्कि शारीरिक रूप से भी सक्रिय रखा जाएगा। योग की सहायता से उन्हें स्वस्थ जीवनशैली की दिशा में प्रेरित किया जाएगा, वहीं खेलों के माध्यम से टीम भावना और अनुशासन का विकास होगा। इस कैंप में क्राफ्ट और अन्य रचनात्मक गतिविधियां बच्चों की कल्पनाशक्ति और सृजनात्मक क्षमता को निखारने में सहायक होंगी। इन गतिविधियों को रोचक और सहभागी बनाने के लिए स्थानीय शिक्षकों की मदद ली जाएगी, जो बच्चों की रुचि के अनुसार कार्यक्रम तैयार करेंगे। आनंददायक शिक्षण विधियों के माध्यम से जटिल विषयों को सरल व मजेदार तरीके से समझाया जाएगा, जिससे बच्चों में सीखने के प्रति रुचि उत्पन्न हो।
शिक्षा निदेशालय की ओर से आयोजित ऑनलाइन बैठक में सभी जिलों के शिक्षा अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि इस शिविर को केवल औपचारिकता न समझा जाए। अपर राज्य परियोजना निदेशक एकता सिंह ने बैठक में कहा कि समर कैंप पूरी तरह स्वैच्छिक होगा, इसलिए बच्चों को शामिल करने से पहले उनके अभिभावकों की सहमति आवश्यक है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे इस शिविर को बच्चों के लिए ज्ञान, आनंद और नवाचार से भरपूर बनाएं।
खंड शिक्षा अधिकारियों को प्रतिदिन कम से कम पांच से दस स्कूलों का निरीक्षण करने का कार्य सौंपा गया है। उन्हें यह सुनिश्चित करना है कि शिविर में बच्चों को सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध हों और किसी भी प्रकार की समस्या का समाधान तत्काल किया जाए। समर कैंप की नियमित निगरानी से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि कार्यक्रम प्रभावी रूप से संचालित हो और बच्चों को अधिकतम लाभ मिल सके।
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यह पहल न केवल बच्चों को एक सकारात्मक और संरचित वातावरण प्रदान करेगी, बल्कि शिक्षकों के लिए भी यह एक अवसर होगा कि वे पारंपरिक शिक्षण पद्धतियों से हटकर कुछ नया और रोचक प्रस्तुत करें। समर कैंप के माध्यम से बच्चों में आत्मविश्वास, सामूहिकता और अभिव्यक्ति की क्षमता का विकास होगा, जिससे वे नए सत्र की शुरुआत ऊर्जा और उत्साह के साथ कर सकेंगे।