आरयू ब्यूरो
लखनऊ। पार्टी और सिंबल के दंगल में हाल ही में अपने बेटे अखिलेश यादव से मात खाए मुलायम सिंह यादव पर बसपा सुप्रीमो ने गंभीर आरोप लगाए है। आज प्रदेश कार्यालय पर आयोजित प्रेसवार्ता में मायावती ने कहा कि पुत्र मोह में पड़कर मुलायम सिंह ने अपने भाई शिवपाल यादव को ‘बलि का बकरा’ बना दिया।
इसके साथ ही उन्हें कदम-कदम पर जनता के सामने अपमानित कर उनकी नजरों में गिराने की पूरी कोशिश की गई। इतना ही नहीं उन्हें मात्र एक विधानसभा सीट तक सीमित कर दिया। जनता सोची-समझी रणनीति के तहत की गई इन सारी गतिविधियों को अच्छी तरह से समझ चुकी है। इस बार वह सपा के बहकावे में हरगिज नहीं आने वाली है।
इसके साथ ही शिवपाल यादव व उनके खेमे के लोग इस अपमान का बदला अखिलेश यादव के खेमे से विधानसभा चुनाव में जरूर लेगें। इस स्थिति में सपा का बेस यादव वोट भी दो भागों में बट जाएगा। इन हालातों के बीच मायावती ने अल्पसंख्यकों से मांग की है कि भाजपा को रोकने के लिए अपनी एक मात्र हितैषी पार्टी को वोट दें। जिससे कि भाजपा को प्रदेश की सत्ता में आने से रोका जा सके।
अखिलेश चाहते तो मुज्जफरनगर दंगों में शामिल BJP नेता होते सलाखों के पीछे
मायावती ने अखिलेश यादव पर हमला बोलते हुए कहा कि 2013 में मुजफ्फरनगर दंगों में शामिल भाजपा नेता आज चुनाव मैदान में है, भाजपा विरोधी होने का नाटक करने वाले अखिलेश यादव अगर चाहते तो दंगों के अभियुक्त नेता आज सलाखों के पीछे जेल में होते।
अखिलेश यादव का संप्रादयिक और भ्रष्ट चेहरा लोगों के सामने आ चुका है। दूसरी ओर ऐसे दागी चेहरे को कांग्रेस के वरिष्ठ लोग गठबंधन कर अपना नेता बना रहे है। वह यह भी नहीं सोच रहे कि अखिलेश यादव के जंगलराज के दौरान पांच सालों तक लाठी खाने वाले उनके कार्यकर्ता कैसे अखिलेश का सपोर्ट कर पाएंगे।
कांग्रेस ने गठबंधन की ओर हाथ बढ़ाकर यह साबित कर दिया कि उत्तर प्रदेश में ऑक्सिजन पर ही है। इस दौरान मायावती ने भाजपा पर भी जमकर निशाना साधा।