आरयू वेब टीम। इस महामारी ने दुनिया के हर देश, हर संस्था, हर समाज, हर परिवार, हर इंसान के सामर्थ्य को बार-बार परखा है। वहीं इस महामारी ने साइंस, सरकार, समाज, संस्था और व्यक्ति के रूप में हमें अपनी क्षमताओं का विस्तार करने के लिए सतर्क भी किया है।
उक्त बातें शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 26 राज्यों के 111 ट्रेनिंग सेंटरों से कोविड-19 हेल्थ केयर फ्रंटलाइन वर्कर्स के लिए विशेष रूप से तैयार प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ कर कही किया। इस प्रोग्राम के तहत देशभर के एक लाख फ्रंटलाइन वर्कर्स को कौशल से लैस किया जाएगा और नई चीजें सिखाई जाएंगी।
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इस कार्यक्रम के तहत प्रधानमंत्री मोदी ने देश की जनता से कहा कि हर सावधानी के साथ, आने वाली चुनौतियों से निपटने के लिए हमें देश की तैयारियों को और बढ़ाना होगा। इसी लक्ष्य के साथ आज देश में करीब एक लाख फ्रंट लाइन कोरोना वॉरियर्स तैयार करने का महाअभियान शुरु हो रहा है। पीएम मोदी ने कहा कि ये कोर्स दो से तीन महीने में ही पूरा हो जाएगा, इसलिए ये लोग तुरंत काम के लिए उपलब्ध भी हो जाएंगे।
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प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर में हम लोगों ने देखा कि इस वायरस का बार-बार बदलता स्वरूप किस तरह की चुनौतियां हमारे सामने ला सकता है। ये वायरस हमारे बीच अभी भी है और इसके म्यूटेड होने की संभावना भी बनी हुई है। इस अभियान से कोविड से लड़ रही हमारी हेल्थ सेक्टर की फ्रंटलाइन फोर्स को नई ऊर्जा भी मिलेगी और हमारे युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर भी बनेंगे।