आरयू ब्यूरो, लखनऊ। कृषि कानूनों के विरोध में चल रहे किसानों के आंदोलन के बीच शनिवार को यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बीजेपी सरकार पर हमला बोला है। अखिलेश ने कहा है कि भाजपा बुनियादी मुद्दों से भटकाने वाली राजनीति करने में माहिर है। इस समय देश-प्रदेश के समक्ष सबसे बड़ा मुद्दा किसान आंदोलन है। भाजपा लंबे समय से चल रहे किसान आंदोलन के प्रति पूर्ण उपेक्षाभाव अपनाए है। देश के किसान का इतना घोर अपमान कभी किसी सरकार में नहीं हुआ।
हमला जारी रखते हुए अखिलेश ने कहा झूठे दावों और वादों के साथ भाजपा ने किसानों के साथ धोखा ही किया है। ऐसी ही धोखाधड़ी और धांधली पंचायती राज के चुनावों में भाजपा ने करके अलोकतांत्रिक आचरण कर परिचय दिया है।
साथ ही सपा अध्यक्ष ने कहा कि दिल्ली के चारों तरफ सात माहीने से किसान आंदोलित है। खुले आसमान के नीचे गतवर्ष से वह वर्षा-धूप सहते हुए दिनरात भाजपा सरकार के बहरे कानों तक अपनी आवाज पहुंचाने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन भाजपा उनकी दर्द सुनना ही नहीं चाहती है। उसका रवैया पूरी तरह संवेदनशून्य है। सैकड़ो किसान अपनी जाने गंवा चुके हैं। भाजपा सरकार ने उन्हें मौन श्रद्धांजलि तक नहीं दी।
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अखिलेश ने आज मीडिया से यह भी कहा कि किसान कोई बड़ी मांग नहीं कर रहे हैं। उनकी एक मांग है कि उनकी फसल की कीमत न्यूनतम समर्थन मूल्य आधारित हो और उसकी अनिवार्यता हो। उनकी दूसरी मांग थी कि जो तीन कृषि कानून जबरन थोपे गए हैं, उन्हें वापस लिया जाए। भाजपा सरकार अपने संरक्षकों-बड़े व्यापारी घरानों के दबाव में किसानों की मांगों को मानने से इंकार कर रही है। किसानों का कहना है कि भाजपा के कृषि कानूनों से खेती पर उनका स्वामित्व खत्म हो जाएगा, वे अपने खेतों में ही मजदूर हो जाएंगे। किसान बर्बादी के कगार पर पहुंच जाएगा।