आरयू वेब टीम। सीबीडीटी ने मंगलवार को दावा किया कि आयकर विभाग ने टेक्सटाइल और फिलामेंट यार्न के निर्माण में शामिल एक प्रमुख व्यापारिक समूह पर छापेमारी के बाद विदेशों में जमा करोड़ों के काले धन का पता लगाया है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने एक बयान में दावा किया कि इस ग्रुप ने करीब 350 करोड़ रुपये का बेनामी फंड अपने विदेशी खातों में जमा कराया और फिर टैक्स हेवंस देशों से शेल कंपनियों के जरिए इसे भारत में अपने बिजनेस में लगाया है।
साथ ही सीबीडीटी ने कहा, छापे में मिले दस्तावेजों से इसकी कार्यप्रणाली का पता चला कि ये विदेशी संस्थाओं द्वारा निवेश से संबंधित थी। छापेमारी में पता चला कि कंपनी ने विदेशी इकाइयों ने फॉरेन करेंसी कन्वर्टिवल बॉन्ड्स के जरिए भारतीय कंपनियों में निवेश किया और फिर भुगतान में चूक की आड़ में इसे कंपनी के शेयरों में बदल दिया।
वहीं इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने बताया कि छापेमारी के दौरान कई संदिग्ध दस्तावेज, डायरी, डिजिटल साक्ष्य मिले हैं। इनसे पता चलता है कि ग्रुप के विदेशों में खाते हैं और उसमें जमा बेनामी फंड को भारतीय कंपनियों में लगाया गया है। विदेशी बैंक खातों की रिपोर्ट इनकम टैक्ट डिपार्टमेंट को नहीं की गई थी।
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टैक्स डिपार्टमेंट ने दावा किया है कि कंपनी ने अपने बुक्स ऑफ अकाउंट के बाहर ट्रांजैक्शन किया है, जमीन सौदों में कैश का लेनदेन किया, अकाउंट बुक्स में फर्जी खर्च दिखाये और बेहिसाब कैश खर्च को छिपाया। सीबीडीटी ने कहा कि डिपार्टमेंट ने पाया किविदेशी कंपनियों और ट्रस्टों को बेहिसाब धन के प्रबंधन के लिए मैनेजमेंट फीस का भुगतान किया जा रहा था। बता दें कि 18 सितंबर को दिल्ली, पंजाब और कोलकाता में कंपनी के कॉर्पोरेट ऑफिस सहित ग्रुप के अन्य ठिकानों पर शुरू की गई तलाशी अभी जारी है