आरयू वेब टीम। सत्ता से बाहर होने के बाद से ही आम आदमी पार्टी ने आने वाले चुनाव के लिए रणनीति बनाने में जुट गई है। इसी क्रम में आप ने युवा वर्ग तक अपनी पहुंच बढ़ाने के उद्देश्य से एक नई छात्र इकाई की शुरुआत की है। पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को ‘एसोसिएशन ऑफ स्टूडेंट्स फॉर अल्टरनेटिव पॉलिटिक्स (एएसएपी) नामक छात्र संगठन का उद्घाटन किया। इस मौके पर मनीष सिसोदिया, सौरभ भारद्वाज और अवध ओझा भी उनके साथ मौजूद रहे।
केजरीवाल ने एएसएपी के शुभारंभ पर कहा कि देश में जो समस्याएं आज देखने को मिल रही हैं, जैसे शिक्षा, स्वास्थ्य, बेरोजगारी और बुनियादी सुविधाओं की कमी, उनकी जड़ मौजूदा राजनीतिक व्यवस्था है। उन्होंने इसे “मेनस्ट्रीम पॉलिटिक्स” का नतीजा बताया और कहा कि एएसएपी का उद्देश्य एक वैकल्पिक राजनीतिक सोच को बढ़ावा देना है।
साथ ही कहा कि भाजपा और कांग्रेस दोनों की राजनीति में ज्यादा फर्क नहीं है और दोनों ही जनता से जुड़े मुद्दों को नजरअंदाज करते हैं। बिजली, सरकारी नौकरियों और शिक्षा जैसे अहम मुद्दे सीधे राजनीति से जुड़े हैं, इसलिए युवाओं को इस प्रक्रिया का हिस्सा बनना होगा। केजरीवाल ने दावा किया कि आम आदमी पार्टी ने दिल्ली में शासन के दस सालों में कई बदलाव किए और अब पंजाब में भी सरकार बना चुकी है। इसे उन्होंने “अल्टरनेटिव पॉलिटिक्स” का उदाहरण बताया, जहां राजनीति का मकसद जनता की सेवा होता है न कि सत्ता का दुरुपयोग।
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दिल्ली विधानसभा चुनाव में हार के बाद केजरीवाल ने भाजपा को घेरते हुए आरोप लगाया कि उनकी सरकार में फीसें बढ़ीं, स्कूलों में बाउंसर तक लगाए गए, और बिजली की आपूर्ति में कटौती हुई। उन्होंने ये भी कहा कि भाजपा समाज को बांटने की राजनीति करती है, जबकि उनके नेता अपने बच्चों को विदेशों में पढ़ाते हैं। केजरीवाल ने कहा कि देश की संपत्तियां कुछ अमीर दोस्तों को सौंप दी जा रही हैं, जबकि असली राजनीति वह है जो हर पैसे का इस्तेमाल जनता की भलाई में करे। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि आज की राजनीति में विरोधियों को जेल भेजा जाता है और चुनावों को प्रभावित किया जाता है, जिसे उन्होंने “मेनस्ट्रीम पॉलिटिक्स” कहा।