पाकिस्‍तान के सीजफायर उल्‍लघंन पर AAP सांसद ने नरेंद्र मोदी से पूछ “नेता हैं या डीलर”, उठाएं ये पांच सवाल

संजय सिंह

आरयू वेब टीम। पाकिस्‍तान अपनी नापाक हरकतों से बाज नहीं आ रहा। पहलगाम आतंकी हमला कराने और पुंछ में आम नागरिक की हत्‍या करने के बाद अब वह सीजफायर का उल्‍लंघन कर रहा है। सोमवार को पाकिस्‍तान की लगातार बढ़ती मनमानी पर आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा हमला बोला है। संजय सिंह ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा सीजफायर के लिए मध्यस्थता की बात को दोहराने पर सवाल उठाते हुए इसे भारत का अपमान बताया और प्रधानमंत्री से पूछा कि वे कहां हैं, उन्हें जवाब देना चाहिए।

आप सांसद ने आज प्रेसवार्ता करते हुए प्रधानमंत्री से सवाल किया कि वे कहां छिपे हैं। साथ ही ट्रंप का एक वीडियो साझा करते हुए कहा कि ट्रंप खुलेआम कह रहे हैं कि “इसने सीजफायर के लिए व्यापार बंद करने की धमकी दी,” जो भारत और 140 करोड़ भारतीयों का अपमान है। उन्होंने प्रधानमंत्री से पूछा कि किसके व्यापार के लिए उन्होंने भारत माता के स्वाभिमान और सम्मान से समझौता किया। अंत में, उन्होंने यह भी पूछा कि क्या आप एक नेता हैं या केवल एक डीलर?

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इस दौरान राज्यसभा सांसद ने प्रधानमंत्री मोदी से ट्रंप द्वारा किए गए दावों पर पांच सवाल पूछे हैं। उन्होंने ये भी जानना चाहा कि क्या यह सच है कि अमेरिकी राष्ट्रपति ने व्यापार बंद करने की धमकी दी थी, जिसके कारण सीजफायर करने के लिए दबाव बनाया गया।

संजय सिंह ने सेना की वीरता को सलाम करते हुए बताया कि सात मई को ऑपरेशन सिंदूर में नौ आतंकी ठिकानों को नष्ट किया गया। साथ ही सवाल उठाया कि क्या प्रधानमंत्री ने ये नहीं देखा कि पाकिस्तान आतंकवादियों की मौत पर शोक मना रहा था? क्या उस पाकिस्तान पर भरोसा किया गया? उन्होंने कहा कि भारतीय सेना ने पाकिस्तान को दस गुना अधिक नुकसान पहुंचाते हुए जवाब दिया, जबकि इस दौरान पांच जवान शहीद हुए। ऐसे समय में जब सेना पीओके को वापस ले जाने की स्थिति में थी और बलूचिस्तान को पाकिस्तान के नक्शे से अलग किया जा सकता था, प्रधानमंत्री मोदी ने अमेरिका के राष्ट्रपति की मध्यस्थता को स्वीकार कर लिया।

ये हैं पांच सवाल

पहला सवाल- जब भारत की सेना पीओके पर नियंत्रण स्थापित कर सकती थी, 21 आतंकवादी ठिकानों को नष्ट कर सकती थी और बलूचिस्तान को पाकिस्तान के नक्शे से अलग कर सकती थी, तो आपने ट्रंप के कहने पर सीजफायर की घोषणा क्यों की?

दूसरा सवाल- पूरा देश जानना चाहता है कि ऑपरेशन सिंदूर की शुरुआत उन आतंकवादियों को समाप्त करने के लिए हुई थी, जिन्होंने बहनों के माथे से सिंदूर छीन लिया था। वे आतंकवादी अब कहां हैं और उन्हें कब समाप्त किया जाएगा?

तीसरा सवाल– कल ट्रंप ने आपके संबोधन के संदर्भ में कहा कि उसने व्यापार बंद करने की धमकी देकर सीजफायर कराया। हर भारतीय जानता है कि अमेरिका का पाकिस्तान के साथ कौन सा व्यापार हो सकता है, जब वह खाने के लिए मोहताज है। असल में, व्यापार तो भारत के साथ है। क्या आपको व्यापार के माध्यम से दबाव डालने की कोशिश की गई?

चौथा सवाल– ट्रंप का कहना है कि पाकिस्तान एक महान और शक्तिशाली देश है। आपको स्पष्ट रूप से यह कहना चाहिए कि पाकिस्तान एक आतंकवादी देश है। संसद का सत्र बुलाइए और हम मिलकर यह प्रस्ताव पारित करें कि पाकिस्तान आतंकवादी देश है।

आगे कहा कि प्रधानमंत्री जी, आपने कहा था कि आतंकवादी घटनाओं का दोबारा सामना नहीं होगा और सैन्य दुस्साहस नहीं किया जाएगा, लेकिन जब सीजफायर की घोषणा हुई, तो मात्र तीन घंटे के भीतर इसका उल्‍लघंन हुआ। ये दुस्साहस आपके गृहराज्य गुजरात के कच्छ में देखा गया। कल आपके भाषण के तुरंत बाद पाकिस्तान ने फिर से सीजफायर का उल्लंघन किया, जिससे अमृतसर में उड़ानें भी प्रभावित हुईं। क्या आप सच में पाकिस्तान पर भरोसा कर रहे हैं? कृपया स्पष्ट करें कि उन्होंने किस प्रकार का सैन्य दुस्साहस किया और सीजफायर का उल्लंघन कैसे हुआ।

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मालूम हो कि डोनाल्ड ट्रंप ने एक साझा वीडियो में कहा कि उनके प्रशासन ने शनिवार को भारत और पाकिस्तान के बीच तत्काल युद्धविराम स्थापित करने में सहायता की। उन्होंने यह भी व्यक्त किया कि यह युद्धविराम स्थायी हो सकता है, खासकर जब दोनों देशों के पास बड़ी संख्या में परमाणु हथियार हैं। ट्रंप ने व्यापार के संदर्भ में भी बात की, यह कहते हुए कि उन्होंने दोनों देशों के साथ व्यापार बढ़ाने की पेशकश की, और यह स्पष्ट किया कि यदि युद्धविराम नहीं होगा, तो व्यापार नहीं होगा।

देशभर में विपक्षी दलों के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप की टिप्पणियों को लेकर तीव्र प्रतिक्रिया और सवाल उठ रहे हैं। ये दल भाजपा के खिलाफ एकजुट होकर मोर्चा संभाले हुए हैं। वहीं, प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में स्पष्ट रूप से अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को बताया कि यदि पाकिस्तान से बातचीत होगी, तो वह केवल आतंकवाद और पीओके के मुद्दों पर ही केंद्रित होगी।

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