आरयू ब्यूरो, लखनऊ। लखनऊ विकास प्राधिकरण पर आम जनता व विपक्षी दलों द्वारा भ्रष्टाचार का आरोप तो आए दिन ही लगता रहता है, लेकिन अब सत्ताधारी दल के नेता ने भी एलडीए के अफसर व कर्मचारी पर रिश्वतखोरी का आरोप लगाया है।
भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेश मंत्री आचार्य कुशमुनि स्वरूप ने एलडीए पर आरोप लगाते हुए कहा है कि भ्रष्ट अफसर व कर्मचारी रिश्वत लेकर अवैध निर्माण करा रहें हैं। रिश्वत नहीं देने वालों की एलडीए के भ्रष्टाचारी बिल्डिंग सील कर देते हैं।
इस पूरे मामले को लेकर बीजेपी के प्रदेश मंत्री ने एलडीए के सचिव मंगला प्रसाद सिंह को प्रार्थना पत्र देते हुए कहा है कि अवैध निर्माण कराने के एवज में लखनऊ विकास प्राधिकरण के सुपरवाइजर दो लाख रुपये महीने की वसूली कर रहें हैं।
यह भी पढ़ें- कंट्रैक्टर ने LDA इंजीनियर पर लगाया रिश्वत नहीं मिलने पर पीएमएवाई का पेमेंट रोकने का आरोप
भाजपा नेता ने एलडीए जोन तीन स्थित बुद्धेश्वर चौराहा, भपटामऊ, मोहान रोड व पारा स्थित करीब दर्जन भर स्कूल, अस्पताल, लॉन, शो रूम व शॉपिंग कॉम्प्लेक्स का भी जिक्र करते हुए अपनी शिकायत में सचिव से कहा है कि अवैध बिल्डिंगों के लिए दोषी एलडीए के अधिकारी व कर्मचारी पर कार्रवाई की जाए।
वहीं सत्ताधारी दल के नेता की फरियाद को एलडीए के आलाधिकारी कितनी संजीदगी से लेते हैं यह तो आने वाले समय में उनकी जांच और कार्रवाई की स्थिति को देखकर ही साफ हो पाएगा।
यह भी पढ़ें- एलडीए VC से बोले, “कमिश्नर रातों-रात खड़ा नहीं हो जाता निर्माण, अवैध निर्माणकर्ता समेत इंजीनियर व कर्मचारियों पर भी करें कार्रवाई”
दूसरी ओर भाजपा नेता द्वारा लगाए गए संगीन आरोपों के बारे में एलडीए प्रवर्तन जोन दो व तीन के प्रभारी कमलजीत सिंह का कहना है कि सचिव के यहां से अभी उन तक शिकायती पत्र पहुंचा नहीं है। शिकायत सामने आने पर जांच कराकर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
“जो डील नहीं, वो सील होगा”
बताते चलें कि मुख्यमंत्री, प्रमुख सचिव आवास व कमिश्नर के सख्त निर्देशों के बाद भी एलडीए में ‘जो डील नहीं, वो सील होगा’ वाली कहावत को चरितार्थ करने वाले मामले आए दिन सामने आते रहतें हैं। कुछ दिन पहले फैजाबाद रोड स्थित मर्सिडीज बेंज के शोरूम को भी एलडीए के इंजीनियरों ने मनमाने ढ़ग से सील कर दिया था।
शोरूम मालिक ने कमिश्नर के सामने किया था खुलासा
शोरूम मालिक ने कमिश्नर मुकेश मेश्राम से मुलाकात कर उन्हें बताया था कि फरवरी में गलत ढ़ग से उनके शोरूम के सील करने का आदेश पास करा दिया गया। उसके बाद वसूली के लिए उन पर एलडीए के भ्रष्टाचारियों द्वारा दबाव बनाया जाने लगा। बेहद आपत्तिजनक मांग पूरी नहीं होने पर आदेश के लगभग पांच महीने पर एलडीए के इंजीनियरों ने जबरदस्ती उनके शोरूम को सील कर दिया।
खोलना पड़ा था सील शोरूम
वहीं कमिश्नर के संज्ञान में मामला आने के बाद न सिर्फ एलडीए को शोरूम की सील खोलनी पड़ी, बल्कि जोन एक के एई वीके गुप्ता, जेई सुरेंद्र द्विवेदी व बाबू शैलेंद्र श्रीवास्तव को जोन एक से हटाकर उद्यान अनुभाग भेज दिया था।