AIMPLB का बड़ा फैसला, अयोध्या मामले में दाखिल करेगी पुनर्विचार याचिका

पर्सनल लॉ बोर्ड
मीडिया को बैठक के फैसले की जानकारी देते एआइएमपीएलबी के पदाधिकारी।

आरयू ब्‍यूरो, लखनऊ। अयोध्‍या-बाबरी मस्जिद मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद रविवार को ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट के अयोध्या फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दाखिल करने का ऐलान कर दिया है। राजधानी लखनऊ के मुमताज डिग्री कॉलेज में तीन घंटे चली बैठक के बाद पर्सनल लॉ बोर्ड ने ये निर्णय लिया।

पर्सनल लॉ बोर्ड में लिए गए फैसलों की जानकारी देते हुए प्रेस कांफ्रेंस में सैयद कासिम रसूल इलियास ने कहा कि बोर्ड ने तय किया है कि वह सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर रिव्यू पेटीशन दाखिल करेगा, साथ ही बोर्ड ने ये भी फैसला किया है कि मस्जिद के लिए दी गई पांच एकड़ की जमीन मंजूर नहीं है।

वहीं पर्सनल लॉ बोर्ड की कार्यकारिणी की बैठक अध्यक्ष हजरत मौलाना सैय्यद राबे हसनी नदवी की अध्यक्षता में हुई। इसमें मुख्य तौर पर सुप्रीम कोर्ट के अयोध्या फैसले में दिए गए दस निष्कर्षों व मुद्दों पर चर्चा हुई, जिनमें प्रमुख रूप से सुप्रीम कोर्ट ने माना है कि 1857 से 1949 तक बाबरी मस्जिद का तीन गुंबद वाला भवन और मस्जिद का अंदरूनी सदन मुसलमानों के कब्जे व प्रयोग में रहा है।

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इसमें अंतिम नमाज 16 दिसंबर 1949 को पढ़ी गई थी। 22/23 दिसंबर, 1949 की रात बाबरी मस्जिद के बीच वाले गुंबद के नीचे असंवैधानिक रूप से राम चंद्रजी की मूर्ति रख दी गई और बीच वाले गुंबद के नीचे की भूमि का जन्मस्थान के रूप में पूजा किया जाना साबित नहीं है।

रिव्यू पिटीशन हमारा अधिकार : अरशद मदनी

जमीयत-उलेमा-ए-हिंद के मौलाना अरशद मदनी ने कहा, ‘हम जानते हैं कि सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या मामले पर हमारी पिटीशन सौ प्रतिशत खारिज हो जाएगी, लेकिन हमें रिव्यू पिटीशन डालनी चाहिए। यह हमारा अधिकार है। ‘माना जा रहा है कि यह चर्चा सिर्फ औपचारिक थी। सदस्य इस बात का फैसला पहले ही कर चुके थे कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के रिव्यू के लिए बोर्ड अपील करें। आज इसका औपचारिक ऐलान होना था। फैसले के तुरंत बाद जफरयाब जिलानी इस बात के संकेत दे चुके थे कि फैसले से वह संतुष्ट नहीं हैं।

पर्सनल लॉ बोर्ड

मस्जिद के लिए नहीं लेंगे जमीन

मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्‍यों के मुताबिक मस्जिद बनाने के लिए पांच एकड़ जमीन स्वीकार नहीं करेंगे, क्योंकि हमारी लड़ाई कानूनी रूप से इंसाफ के लिए थी। ऐसे में हम वह जमीन लेकर पूरी जिंदगी बाबरी मस्जिद के जख्म को हरा नहीं रख सकते हैं। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट के फैसले में दी गई पांच एकड़ जमीन को मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड नहीं स्वीकारेगा।

बैठक में ये लोग रहे मौजूद

बैठक में बोर्ड के अध्यक्ष राबे हसन नदवी समेत असदुद्दीन ओवैसी और जफरयाब जिलानी भी मौजूद रहे। यह बैठक हालांकि पहले लखनऊ के नदवा कॉलेज में प्रस्तावित थी, लेकिन अचानक बैठक की जगह बदली गई और मुमताज पीजी कॉलेज में बैठक रखी गई। इसमें मौलाना महमूद मदनी, अरशद मदनी, मौलाना जलाउद्दीन उमरी, मुस्लिम लीग के सांसद बशीर, खालिद रशीद फिरंगी महली, मौलाना रहमानी, वली रहमानी, खालिद सैफुला रहमानी और राबे हसन नदवी भी मौजूद रहे।

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