आरयू ब्यूरो,लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा में सोमवार को नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ने बजट पर चर्चा करते हुए दावा किया कि यह बजट नहीं विभागों का बंटवारा है और इसे जनता तक पहुंचने में बहुत समय लगेगा, अभी जनता तक नहीं पहुंचा है। अखिलेश ने कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश में ‘इज ऑफ डूइंग बिजनेस’ (सुगमता से कारोबार) नहीं हो रहा है, ‘इज ऑफ डूइंग क्राइम’ (सुगमता से अपराध) चल रहा है। भाजपा के लोग कानून हाथ में लेकर घूम रहे हैं। बजट पर दिये गये अपने लंबे भाषण में यादव ने कहा कि यह बजट केवल सपने दिखाने का है।
भाजपा की नई स्कीम ‘वन नेशन, वन पूंजीपति
सपा सुप्रीमो ने दावा किया कि ‘भाजपा की नई स्कीम चल रही है- ‘वन नेशन, वन पूंजीपति’।’ नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि यह सरकार बता रही है कि अब तक का सबसे बड़ा बजट है, लेकिन सरकार यह भूल जाती है कि हर बजट जो आता है वह पहले से बढ़कर आता है। उन्होंने दावा किया कि समाजवादी पार्टी की सरकार के समय की योजनाओं को ठप कर दिया गया और यह सरकार बजट में किसानों, बेरोजगारों, महिलाओं, गोवंश के हितों की रक्षा नहीं कर सकी।
प्राइमरी एजुकेशन में बच्चों की भारी कमी
वहीं अखिलेश यादव ने आज सदन में कहा, ‘आज प्राइमरी एजुकेशन में बच्चों की भारी कमी है, आप किन बच्चों को पढ़ा रहे हैं, जो गरीब से गरीब बच्चे हैं… आप सोचिए कि जो संपन्न लोग हैं वो कहां चले गए।’ इसी दौरान एक सदस्य ने कहा कि जैसे आप ऑस्ट्रेलिया गए थे। इसके बाद कई सदस्यों ने कहा कि हां जैसे आप ऑस्ट्रेलिया गए थे। यह सुनते ही अखिलेश यादव भड़क गए।
आप गोबर देखते हैं तो गोबर इम्प्लीमेंट करते हो…
अखिलेश यादव ने कहा, ‘यह अच्छा है, हम जहां-जहां पढ़ आएं… वहां का कुछ-कुछ इम्प्लीमेंट कर रहे हैं… आप गोबर देखते हैं तो गोबर इम्प्लीमेंट करते हो… और इनको ज्यादा एनर्जी ड्रिंक की जरुरत हो तो मैं एनर्जी ड्रिंक भी बता दूं… वो अभी बनी नहीं है, लेकिन आप लोगों की ओर से कभी-कभी बताया जाता है।’ नेता प्रतिपक्ष ने शिक्षा की बदहाली का जिक्र करते हुए कहा कि ”शिक्षा सूचकांक में यूपी सबसे नीचे चौथे नंबर पर दिखता है, जिस उप्र ने इतने प्रधानमंत्री दिये और इनकी पार्टी के प्रधानमंत्री यूपी की वजह से बन रहे हैं, उस यूपी के शिक्षा का यह स्तर है।”
कन्नौज की पहचान इत्र से है, गोबर से नहीं
वहीं सपा सुप्रीमो ने कहा कि नेता सदन ने कहा कि कन्नौज को भी कुछ दिया है, लेकिन कन्नौज की पहचान इत्र से है, गोबर से नहीं। हमें गोबर नहीं चाहिए, हमें परफ्यूमरी पार्क चाहिए। साथ ही सपा मौखिया ने सत्तापक्ष की ओर इशारा करते हुए कहा, ”कभी-कभी मुझे लोग समाजवाद सिखाने लगते हैं, नेता सदन सिखाएं तो कोई बात नहीं, जो पढ़ना नहीं जानते वे भी कभी-कभी सिखाने लगते हैं।” उन्होंने एक किताब का जिक्र किया और कहा कि सभी सदस्यों को यह किताब बांटना चाहता हूं। यादव ने दोहराया कि नेता सदन तो समाजवाद के बारे में जानते हैं, इसलिए उन्होंने अपने लिए एक किताब बनवाई और छपवाई, जिसके फ्रंट पर लिखा ‘द राइज ऑफ ए सैफरन सोशलिस्ट’।
अगर हम सोशलिस्ट हैं तो क्या गलत
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष ने कहा कि ”अगर हम सोशलिस्ट हैं तो क्या गलत है, आप भी तो सोशलिस्ट हो। ये जो किसानों को पैसा बांट रहे, क्या ये सोशलिस्ट सिद्धांत नहीं है। क्या गरीब बेटियों को जो दे रहे हो वह समाजवादी सिद्धांत नहीं है।” यादव ने कहा कि ”अगर सोशलिस्ट पर प्रश्न चिन्ह लगाते हैं तो आप डेमोक्रेटिक भी नहीं हैं, आप लोकतंत्र पर भरोसा नहीं करते, अगर लोकतंत्र पर भरोसा नहीं करते और समाजवादी नहीं हैं तो आप सेकुलर भी नहीं हो सकते हैं।”