आरयू ब्यूरो, लखनऊ। राष्ट्रपति चुनाव के लिए विपक्ष के साझा प्रत्याशी यशवंत सिन्हा को जीत दिलाने के लिए अखिलेश यादव ने कमर कस ली है। इसके लिए शुक्रवार को कालिदास मार्ग स्थित एसपी कार्यालय पर जमा हुए सपा सांसद-विधायकों ने सहमति प्रस्ताव पर हस्ताक्षर किए। समाजवादी पार्टी के 111 विधायक हैं, जबकि राष्ट्रीय लोक दल, जो कि सपा के साथ गठबंधन में है, के पास आठ और सुभासपा के छह विधायक हैं। इस तरह सपा गठबंधन में कुल 125 विधायक हैं। तीन-तीन लोकसभा और राज्यसभा सांसद भी मौजूद थे।
समाजवादी पार्टी के नेताओं की बैठक में विपक्ष के साझा प्रत्याशी यशवंत सिन्हा को जीत दिलाने के लिए मंथन चला। अखिलेश ने बैठक में सभी सांसदों और विधायकों से यशवंत सिन्हा के पक्ष में माहौल बनाने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही सपा मुखिया ने सांसद तथा विधायकों से यशवंत सिन्हा के प्रस्तावक अनुमोदन पत्र पर हस्ताक्षर भी कराए। इस बैठक में पार्टी के मुख्य राष्ट्रीय महासचिव प्रोफेसर रामगोपाल यादव भी मौजूद थे और सांसद तथा विधायकों को उन्होंने निर्देश भी दिया।
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बता दें कि 15 जून को दिल्ली में हुई विपक्षी पार्टियों की बैठक में ममता बनर्जी ने राष्ट्रपति चुनाव के बहाने एनडीए को घेरने की कोशिश की, हालांकि उस बैठक से आम आदमी पार्टी और टीआरएस ने दूरी बना ली थी। टीआरएस प्रमुख और तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर ने भी अपना प्रतिनिधित्व भेजने से इनकार कर दिया था। इसके अलावा ममता बनर्जी ने राष्ट्रपति चुनाव में एक आम उम्मीदवार को उतारने के लिए 22 पार्टियों की बैठक बुलाई थी, जिसमें सिर्फ 17 टीमों ने हिस्सा लिया। टीआरएस से लेकर बीजद, वाईएसआर कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, ममता ने बैठक से परहेज किया था।
17वीं लोकसभा में सपा के पांच सदस्य चुने गए। अखिलेश यादव और आजम खान के विधानसभा सदस्य होने के बाद खाली हुई दो सीटों पर 23 जून को मतदान हुआ था। इसका रिजल्ट 25 जून को आएगा। नतीजे आने के बाद यह साफ हो जाएगा कि उत्तर प्रदेश में सपा के सिर्फ पांच सांसद होंगे या सांसदों की संख्या कम होगी, हालांकि वर्तमान में मैनपुरी से मुलायम सिंह यादव, मुरादाबाद से एसटी हसन और संभल से शफीकुर रहमान बर्क सांसद हैं।