आरयू ब्यूरो, लखनऊ। यूपी की नौ विधानसभा चुनाव की मतगणना से एक दिन पहले सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पार्टी नेताओं व समर्थकों से अपील की है कि वो पूरी तरह सतर्क रहें और शनिवार को मतगणना के बाद जीत का प्रमाण पत्र लेकर ही लौटें। साथ ही कहा कि हम नैतिक रूप से जीत चुके हैं, बस प्रमाण पत्र मिलना बाकी है।
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अखिलेश ने आज अपने एक बयान में कहा कि इंडिया गठबंधन- समाजवादी पार्टी की सजगता व सक्रियता से जिस तरह हमारे मतदाताओं, समर्थकों, कार्यकर्ताओं, पदाधिकारियों, नेताओं, उम्मीदवारों, समस्त पीडीए समाज व कुछ ईमानदार मीडिया कर्मियों ने भाजपा सरकार की चुनावी धांधली का डटकर सामना किया है, उसकी प्रशंसा हर ओर हो रही है। ये सक्रियता आगे भी जारी रहेगी और अपनी सरकार बनाएगी।
सपा प्रमुख ने कहा कि भाजपाई फंसाने वाले लोग हैं, बचाने वाले नहीं। भाजपा किसी की सगी नहीं है, इसीलिए इंडिया गठबंधन-सपा के सभी जागरूक उम्मीदवारों, कार्यकर्ताओं, पदाधिकारियों, नेताओं, समर्थकों व समझदार आम जनता से ये अपील है कि वे डटे रहें, अपने वोट की दिन-रात रक्षा करें व कल मतगणना के लिए पूरी तरह सावधान रहें और जीत का प्रमाणपत्र लेकर ही लौटें। हम नैतिक रूप से जीत चुके हैं, बस प्रमाणपत्र मिलना बाकी है।
कैमरे और कलम लेकर मुस्तैदी से डटे रहें…
इस दौरान अखिलेश ईमानदार मीडिया कर्मियों से भी ये अतिरिक्त अपील है कि वो भी अपने कैमरे और कलम लेकर मुस्तैदी से डटे रहें और बड़े-बड़े मीडिया चैनलों और उनके पत्रकारों को बताएं कि कोई बड़ा दिखावटी चमक-दमक से नहीं बल्कि अपने ईमानदार काम से होता है। आपकी सत्यनिष्ठा और सकारात्मक सक्रियता ही आपकी सार्थकता है। आपका एक सच सौ झूठों पर भारी साबित होंगे।
राजनीतिक हथकंडों का लगातार हो रहा पर्दाफाश
अखिलेश ने आगे कहा कि सच तो ये है कि जिस प्रकार भाजपा और उनके संगी-साथियों के चुनावी घपलों से लेकर राजनीतिक हथकंडों तक का लगातार पर्दाफाश हो रहा है, उससे भाजपा का समर्थन करने वालों की संख्या दिन-पर- दिन गिरती जा रही है। जनता भाजपा को चुनना नहीं चाहती है, इसीलिए भाजपा भ्रष्ट शासन-प्रशासन-प्रचार तंत्र का दुरुपयोग करके सरकार में बने रहना चाहती है।
भावनात्मक रूप से झांसा दे कराती गलत काम
यूपी के पूर्व सीएम ने आगे कहा कि उम्मीद है धीरे-धीरे सबको ये समझ आ जाएगा कि चाहे नेता हों या अधिकारी, भाजपा सबको पहले लालच या अन्य किसी दबाव या भावनात्मक रूप से झांसा देकर गलत काम करवाती है, फिर जब वो पकड़े जाते हैं, उनका निलंबन होता है, उनपर मुकदमा होता है, उनकी नौकरी जाती है या उनको जेल होती है या फिर समाज-परिवार अथवा विभाग में बदनामी होती है तो भाजपा उनसे पल्ला झाड़ लेती है।