आरयू वेब टीम। राज्यसभा चुनाव में भाजपा के पक्ष में क्रॉस वोटिंग कर बागी रुख दिखाने वाले कांग्रेस के छह बागी विधायकों को बड़ा झटका लगा है। हिमाचल प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने सभी छह विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया है। सभी की विधानसभा सदस्यता तुरंत प्रभाव से रद्द कर दी गई है। इन विधायकों को अयोग्य घोषित करने के लिए विधानसभा अध्यक्ष के समक्ष सुक्खू सरकार की तरफ से याचिका लगाई गई थी। जिस पर सुनवाई करने के बाद विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने ये एक्शन लिया।
हिमाचल में कांग्रेस के जिन छह बागी विधायकों को अयोग्य घोषित किया गया है उनमें धर्मशाला विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुने गए सुधीर शर्मा, सुजानपुर से राजेंद्र राणा, लाहौल स्पीति से रवि ठाकुर, कुटलैहड़ से देवेंद्र भुट्टो, गगरेट से चेतन्य शर्मा और बड़सर से लखनपाल जैसे विधायक शामिल हैं। छह विधायकों की सदस्यता रद्द होने के बाद अब हिमाचल विधानसभा में कुल विधायकों की संख्या 68 से घटकर 62 रह गई है। हालांकि, माना जा रहा है कि उक्त विधायक अपनी अयोग्यता के खिलाफ कोर्ट का रुख करेंगे और विधानसभा अध्यक्ष के आदेश को चुनौती देते हुए अपनी सदस्यता बहाल किए जाने की मांग करेंगे। फिलहाल तो इन विधायकों की सदस्यता रद्द होने से सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में मौजूदा कांग्रेस सरकार पर से संकट से बादल टल गए हैं। इससे सरकार के पास बहुमत का दावा है।
कांग्रेस के इन सभी छह बागी विधायकों पर दलबदल विरोधी कानून के तहत एक्शन लिया गया है। हिमाचल प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने कहा कि दलबदल विरोधी कानून के तहत इन छह विधायकों के खिलाफ मुझे याचिका मिली थी। ये वे छह विधायक हैं जिन्होंने चुनाव कांग्रेस से लड़ा, लेकिन पार्टी लाइन से हटकर इन विधायकों ने पार्टी के व्हिप और लोकतांत्रिक मूल्यों का उल्लंघन किया है।
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इन विधायकों ने जनादेश का अपमान किया है। इसलिए इनपर दलबदल विरोधी कानून के तहत एक्शन लिया गया है। मैंने अपने लगभग 30 पेज के आदेश में काफी विस्तार से इसकी जानकारी दी है। मैंने इन छह विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया है। अब ये हिमाचल प्रदेश विधानसभा के सदस्य नहीं है।