बसपा कार्यकर्ताओं से बोलीं मायावती, वोटरों के लिए सरकारी धन का इस्तेमाल कर रहीं सरकारें, SIR के प्रति भी किया सचेत

मायावती
समीक्षा बैठक को संबोधित करतीं मायावती।

आरयू ब्यूरो, लखनऊ। यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों पर बुधवार को इशारों में भाजपा पर आरोप लगाया है। मायावती ने कहा कि सरकारें अब मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए सरकारी धन का इस्तेमाल कर रही हैं। इस दौरान बसपा प्रमुख ने पार्टी कार्यकर्ताओं से प्रदेश में मतदाता सूची के चल रहे विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआइआर) के दौरान सतर्क रहने का भी आग्रह किया।

मायावती ने बिहार चुनाव के बाद समीक्षा बैठक कर कहा, “बिहार विधानसभा चुनाव के आश्चर्यजनक परिणामों से सबक लेने की जरूरत है। पहले, सत्तारूढ़ दल चुनावों को प्रभावित करने के लिए धनबल का इस्तेमाल करते थे, लेकिन अब सरकारें जनता के धन के जरिए जनमत को प्रभावित कर रही हैं। नतीजतन, चुनाव जीतने की चुनौती कई गुना बढ़ गई है।” इस दौरान मायावती ने एसआइआर प्रक्रिया पर “गंभीर रूप से ध्यान” देने की आवश्यकता पर ज़ोर दिया ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई भी पात्र मतदाता अपने संवैधानिक मताधिकार से वंचित न रहे।

वहीं मायावती ने महाराष्ट्र, तमिलनाडु, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, बिहार और झारखंड में पार्टी की संगठनात्मक स्थिति की विस्तृत समीक्षा की और पार्टी के ढांचे को मजबूत करने और विभिन्न समुदायों में पार्टी का जनाधार बढ़ाने पर जोर दिया। उन्होंने कार्यकर्ताओं से राज्य इकाइयों से कमियों को दूर करने और बाबा साहब भीमराव आंबेडकर और कांशीराम के मिशन को आगे बढ़ाने के लिए नई प्रतिबद्धता के साथ काम करने का आग्रह किया। मायावती ने कहा कि आत्मसम्मान और समानता पर आधारित एक मजबूत आंदोलन जनहित और राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए जरूरी है।

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साथ ही बसपा प्रमुख ने कहा कि पश्चिमी और दक्षिणी राज्यों में दलितों, आदिवासियों, अन्य पिछड़ा वर्गों, अल्पसंख्यकों और गरीबों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति उत्तर प्रदेश और बिहार जितनी ही चिंताजनक है। उन्होंने इन समुदायों को हाशिए पर धकेलने के लिए “जातिवादी और गरीब-विरोधी शासन” को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि आरक्षण के लाभों को “मात्र औपचारिकता” तक सीमित कर दिया गया है। महाराष्ट्र इकाई की समीक्षा के दौरान, सदस्यों ने किसानों और हाशिए पर पड़े समूहों की बिगड़ती स्थिति पर चिंता जताई।

मायावती ने आगे कहा कि केवल अंबेडकर की समानता और सामाजिक न्याय की विचारधारा ही स्थायी राहत प्रदान कर सकती है। इस दौरान मायावती ने राज्य इकाइयों को छह दिसंबर को आंबेडकर की पुण्यतिथि को “मिशनरी भावना” से मनाने का भी निर्देश दिया।

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