आरयू ब्यूरो, लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राजधानी लखनऊ समेत प्रदेशभर के जिलों से आ रही लगातार बिजली कटौती की शिकायतों पर अफसरों को आज चेतावनी दी है। सीएम ने कहा कि यूपी में न पैसे की कमी है, न ही बिजली और संसाधनों की। ऐसे में सुनिश्चित करें की अनावश्यक बिजली कटौती न हो अन्यथा कार्रवाई की जाएगी। मुख्यमंत्री योगी शुक्रवार दोपहर ऊर्जा विभाग के अफसरों के साथ बैठक कर रहे थे।
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योगी ने ऊर्जा विभाग की उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक में अधिकारियों से साफ शब्दों में कहा कि ट्रिपिंग, ओवरबिलिंग और अनावश्यक कटौती अब किसी भी स्थिति में स्वीकार नहीं की जाएगी। सुधार करना ही होगा। साथ ही कहा कि बिजली अब सिर्फ सेवा नहीं, आम आदमी की जरूरत और भरोसे से जुड़ा विषय है। वहीं मुख्यमंत्री ने बिजली आपूर्ति की फील्ड रियलिटी का लेखा-जोखा भी लिया और सभी डिस्कॉम से जवाबदेही भी मांगी।
फीडर की हो तकनीकी जांच
मुख्यमंत्री ने ट्रिपिंग की लगातार आ रही शिकायतों पर गहरी नाराजगी जताई और निर्देश दिया कि प्रत्येक फीडर की तकनीकी जांच हो, कमजोर स्थानों की पहचान कर तुरंत सुधार कराया जाए। उन्होंने कहा कि जहां जरूरत हो, वहां ट्रांसफॉर्मरों की क्षमता तुरंत बढ़ाई जाए ताकि ओवरलोडिंग की स्थिति न बने। उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि फील्ड से प्राप्त वास्तविक शिकायतों का समाधान समयबद्ध ढंग से हो, ताकि जनता को राहत मिले।
रिकॉर्ड बजट कराया उपलब्ध
मुख्यमंत्री ने ऊर्जा विभाग के अधिकारियों से कहा कि संसाधनों की कोई कमी नहीं है, सरकार ने बिजली उत्पादन, पारेषण और वितरण को मजबूत करने के लिए रिकॉर्ड बजट उपलब्ध कराया है। ऐसे में किसी स्तर पर लापरवाही अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सभी डिस्कॉम के प्रबंध निदेशकों से उनके क्षेत्रों की आपूर्ति की स्थिति जानने के बाद मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि हर स्तर पर जवाबदेही तय की जाए।
उपभोक्ताओं को सही बिल मिले
बिलिंग व्यवस्था पर मुख्यमंत्री ने कहा कि “हर उपभोक्ता को हर महीने सही समय पर स्पष्ट और सटीक बिल मिलना चाहिए। फॉल्स या ओवरबिलिंग जैसी शिकायतें जन विश्वास को तोड़ती हैं और विभाग की साख को नुकसान पहुंचाती हैं। यह किसी भी स्थिति में नहीं होना चाहिए। बिलिंग एफिशिएंसी बढ़ाई जाए। उन्हें जानकारी दी गई कि अब तक 31 लाख उपभोक्ता स्मार्ट मीटर से जोड़े जा चुके हैं और इस प्रक्रिया को ब्लॉक स्तर तक ले जाने का कार्य तेजी से जारी है।
अधिकारियों ने सीएम को दी ये जानकारी
बिजली उत्पादन की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री को बताया गया कि राज्य की कुल उत्पादन क्षमता वर्तमान में 11,595 मेगावाट है, जिसमें थर्मल, जल विद्युत, नवीकरणीय और केंद्रीय योजनाओं की परियोजनाएं शामिल हैं। घाटमपुर और मेजा जैसी नई परियोजनाओं के पूरा होने के बाद यह क्षमता अगले दो वर्षों में 16 हजार मेगावाट से अधिक हो जाएगी। मुख्यमंत्री ने इन परियोजनाओं की सतत निगरानी और समयबद्ध पूर्णता सुनिश्चित करने को कहा।