आरयू वेब टीम। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह 21 अक्टूबर यानि शनिवार को दिल्ली स्थित नेशनल पुलिस मेमोरियल पहुंचे। यहां पुलिस स्मृति दिवस के मौके पर उन्होंने शहीद जवानों को श्रद्धांजलि दी। इस दौरान अमित शाह ने अपने संबोधन में कहा कि, किसी भी देश में सीमाओं पर और आंतरिक सुरक्षा बिना चौकन्नी पुलिस के संभव नहीं है।
अमित शाह ने कहा कि मैंने देखा है कि पुलिस की ड्यूटी, देश में सेवारत अन्य लोगों की तुलना में सबसे ज्यादा चुनौतीपूर्ण है। किसी भी मौसम, त्योहार में पुलिस के जवान हमेशा ड्यूटी पर तैनात रहते हैं, ताकि कानून-व्यवस्था को कायम रखा जा सके। शाह ने कहा कि पूर्वोत्तर में आतंकवाद, वामपंथी उग्रवाद और अन्य उग्रवादी घटनाओं में 65 फीसदी की कमी आई है। देश में वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित राज्य, पूर्वोत्तर और जम्मू कश्मीर में शांति आ रही है।
गृह मंत्री ने कहा कि मोदी सरकार ने आतंकवाद के खिलाफ जीरो टोलरेंस की नीति अपनाई है और सख्त कानून बनाए हैं। पुलिस के आधुनिकीकरण के लिए पुलिस प्रौद्योगिकी मिशन की स्थापना करके दुनिया में सबसे अच्छा आतंकवाद विरोधी बल बनाने की दिशा में भी काम किया गया है।
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एनडीआरएफ की तारीफ करते हुए अमित शाह ने कहा कि चाहे कितनी भी बड़ी आपदा क्यों न हो, जब एनडीआरएफ के जवान वहां पहुंचते हैं तो लोगों को विश्वास हो जाता है कि अब कोई समस्या नहीं होगी। शाह ने पुलिस कल्याण के लिए चलाई जा रही योजनाओं का भी जिक्र किया। देश की आजादी के बाद से देश की सेवा करते हुए अब तक 36250 पुलिसकर्मियों ने अपने प्राणों का बलिदान दिया है। अमित शाह ने पुलिस स्मृति दिवस के मौके पर इन सभी बलिदानी पुलिसकर्मियों को श्रद्धांजलि अर्पित की।
बता दें कि हर साल 21 अक्तूबर को पूरे देश में पुलिस स्मृति दिवस के रूप में मनाया जाता है। साल 1959 में अपनी सीमाओं की रक्षा करते हुए चीन के साथ हुई लड़ाई में जान गंवाने वाले दस पुलिसकर्मियों के बलिदान की याद में पुलिस स्मृति दिवस का आयोजन किया जाता है। यह दिन पुलिस कर्मियों के समर्पण और कड़ी मेहनत को भी दर्शाता है।