CM योगी के जनता दरबार में जहरीला पदार्थ खाकर पहुंचा पूर्व फौजी, भाजपा विधायक पर लगाएं गंभीर आरोप

जनता दरबार
अस्पताल में इलाज कराते फौजी।

आरयू ब्यूरो, लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के जनता दरबार में आज उस समय हड़कंप मच गया जब गाजियाबाद के लोनी क्षेत्र के रहने वाले 65 वर्षीय रिटायर्ड फौजी जहरीला पदार्थ खाकर पहुंया। सीएम की सुनवाई के दौरान इसकी जानकारी लगते ही हड़कंप मच गया। हालत बिगड़ती देख मौके पर मौजूद पुलिस ने पूर्व फौजी को कुछ ही दूरी पर स्थित सिविल अस्पताल में भर्ती कराया, जहां स्थिति चिंताजनक बताई जा रही है।

मिली जानकारी के मुताबिक सतबीर गुर्जर नाम के रिटायर्ड फौजी आज सुबह लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के जनता दरबार में अपनी शिकायत लेकर पहुंचे थे। उन्होंने वहां मौजूद लोगों और अधिकारियों को बताया कि उन्होंने अपनी समस्या को लेकर निराशा में जहरीला पदार्थ खा लिया है। उनकी बात सुनते ही वहां मौजूद अधिकारियों ने तुरंत कार्रवाई की और उन्हें अस्‍पताल में भर्ती कराया। सतबीर ने लोनी विधायक नंद किशोर गुर्जर पर गंभीर आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि लोनी विधायक से उन्हें जान का खतरा है।

विधायक के इशारे पर नहीं काम कर रहें अधिकारी

बताया जा रहा है कि लखनऊ में सीएम जनता दरबार में जहरीला पदार्थ खाने वाले रिटायर्ड फौजी अपने घर की बिजली जुड़वाने के लिए मंत्री और अधिकारियों के चक्कर काट रहे थे। घर में लाइट न होने से परिवार को पानी की भी परेशानी हो रही थी। जनरेटर चलाकर घर में लाइट की व्यवस्था की जा रही थी। परिजनों ने लोनी विधायक के दबाव में आकर अधिकारियों पर काम ना करने का आरोप लगाया।

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रिटायर्ड फौजी सत्यवीर गुर्जर के बेटे अतुल ने बताया कि दस अगस्त को उनके घर की बिजली काट दी गई थी। करीब 20 साल से उनके घर में बिजली का कनेक्शन है। बिजली के अधिकारियों ने यह कहकर कनेक्शन काट दिया कि उनका फर्द में नाम नहीं है। इसके बाद परिवार के लोगों ने वह सभी कागज बनवा जिससे लाइट जोड़ी जा सके।

अफसर से लेकर मंत्री तक से मिलें फिर भी नहीं हुई कार्रवाई

अतुल ने बताया कि बिजली विभाग के एसई समेत कई अधिकारियों से मिले थे। उन्हें अपनी समस्याओं के बारे में अवगत कराया था। इसके बाद भी अधिकारियों ने उनसे कागज पूरे करने के लिए कहा। उन्होंने जरूरत के हिसाब से कागज भी पूरे किए, लेकिन फिर भी बिजली नहीं जोड़ी। इसके बाद उन्होंने मेरठ बिजली विभाग के एमडी कार्यालय में भी शिकायत की थी। वहां भी कोई सुनवाई नहीं हुई। लोनी के अधिकारियों ने उन्हें गलत जानकारी दी। इसके बाद वह मंत्री सोमेंद्र तोमर से भी मिले। उन्होंने भी कार्रवाई का आश्वासन दिया, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।

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