आरयू वेब टीम। प्रतापगढ़ के सीओ जियाउल हक हत्याकांड में सीबीआइ की स्पेशल कोर्ट ने बुधवार को सभी दस आरोपितों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। कोर्ट ने सभी पर 19,500 रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। साथ ही कोर्ट ने आदेश दिया कि इस जुर्माने की आधी रकम सीओ (डिप्टी एसपी) जिया उल हक की पत्नी परवीन आजाद को दी जाएगी।
कुंडा सर्किल के सीओ रहे जिया उल हक हत्याकांड का 11 साल बाद फैसला आया। आज सीबीआइ स्पेशल कोर्ट के जज धीरेंद्र कुमार ने सभी आरोपितों को सजा सुनाई, जिसमें फूलचंद यादव, पवन यादव, मंजीत यादव, घनश्याम सरोज, राम लखन गौतम, छोटे लाल यादव, राम आसरे, पन्नालाल पटेल, शिवराम पासी और जगत बहादुर पटेल उर्फ बुल्ले पटेल शामिल हैं। इससे पहले पांच अक्टूबर को सीबीआइ स्पेशल कोर्ट ने इन आरोपितों को दोषी करार दिया था।
बता दें कि दो मार्च 2013 को शाम 7:30 बजे जमीन विवाद के कारण कुंडा के बलीपुर गांव के प्रधान नन्हे यादव की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। प्रधान के समर्थक हथियारों से लैस होकर बलीपुर पहुंच गए थे और कामता पाल के घर को आग के हवाले कर दिया था। घटना की जानकारी मिलते ही सीओ कुंडा जियाउल हक, तत्कालीन हथिगवां एसओ मनोज कुमार शुक्ला और कुंडा एसओ सर्वेश मिश्र, पुलिसकर्मियों के साथ मौके पर पहुंचे। भीड़ ने पुलिस को घेर लिया।
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सीओ उग्र भीड़ को समझा रहे थे कहासुनी का दौर चल रहा था कि प्रधान नन्हे यादव के छोटे भाई सुरेश यादव की भी गोली मारकर हत्या कर दी गई। इसके बाद उग्र भीड़ ने सीओ जियाउल हक की लाठी डंडों से पीटने के बाद गोली मारकर हत्या कर दी थी। हत्या का आरोप कुंडा विधायक रघुराज प्रताप सिंह राजा भैया व उनके करीबी रहे गुलशन यादव पर लगा था। हालांकि जांच के दौरान ही सीबीआई ने इन दोनों को क्लीन चिट दे दी थीं।