आरयू ब्यूरो, लखनऊ। लखनऊ विकास प्राधिकरण मुख्यालय में जगह-जगह तोड़फोड़ करा अफसर भले ही भवन व अपने कमरों को संवारने के नाम पर जनता के करोड़ों रुपये खर्च कर रहें हो, लेकिन सच्चाई यही है कि सूरत संवारने के इस खेल के बीच अब भी आवंटियों को उसी बिल्डिंग में बेखौफ दौड़ाया जा रहा। आज जनसुनवाई में मंडलायुक्त रोशन जैकब के सामने ऐसे कई मामले सामने आने बाद प्राधिकरण के एक बाबू को निलंबित कर दिया गया, जबकि दूसरे लिपिक व एग्जीक्यूटिव इंजीनियर (ईई) को प्रतिकूल प्रवृष्टि दी गयी है।
एलडीए अध्यक्ष/कमिश्नर रोशन जैकब ने पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत आज प्राधिकरण भवन स्थित अपने कार्यालय में एलडीए की कार्यप्रणाली से प्रताड़ित आवंटियों की समस्याएं सुनीं। जहां पहुंचीं आजमगढ़ निवासी अंकिता सिंह ने बताया कि उन्होंने गोमती नगर विस्तार के सेक्टर चार स्थित प्लॉट नंबर 4/620डी के नामांतरण के लिए आठ महीना पहले अप्रैल में आवेदन किया था। लेकिन, कई बार कार्यालय के चक्कर लगाने के बाद भी नामांकरण की कार्यवाही करने की जगह योजना का काम देखने वाला बाबू अशोक सिंह उन्हें दौड़ा रहा।
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मामले की गंभीरता को देखते हुए कमिश्नर ने अशोक सिंह को तलब किया तो वह इधर-उधर की बातें करने लगा। जिसपर कमिश्नर ने फटकार लगाते हुए अशोक सिंह को प्रतिकूल प्रवृष्टि देने का एलडीए के अफसरों को आदेश दिया। साथ ही 15 दिन के अंदर नामांतरण की कार्यवाही भी पूरी कराने के निर्देश दिये।
पांच लाख की वसूली मामले में हटा था बाबू, लेकिन अफसर…
बताते चलें कि कुछ माह पहले अशोक सिंह पर ही एक आवंटी ने पांच लाख की वसूली का आरोप लगाते हुए तत्कालीन वीसी इंद्रमणि त्रिपाठी से शिकायत की थीं, जिसके बाद उपाध्यक्ष के सख्त आदेश पर अशोक सिंह को जनता से सीधे जुड़े प्रापर्टी अनुभाग से हटा साइड पोस्टिंग दी गयी थीं। हालांकि बाद में अधिष्ठान से जुड़े अधिकारी अशोक सिंह पर इस कदर मेहरबान हुए कि उसकी न सिर्फ गुपचुप तरीके से संपत्ति अनुभाग, बल्कि गोमतीनगर योजना में ही फिर से तैनाती कर दी। इस तैनाती के चलते बड़े अफसरों को भी आज कमिश्नर के सामने झेपना पड़ा।
कई आवंटियों को दौड़ाने वाला लिपिक निलंबित
इसके अलावा प्रियदर्शिनी योजना निवासी अजीत कुमार गुप्ता के परिवारीजनों ने कमिश्नर के सामने प्रापर्टी के ही एक अन्य बाबू हाशिम की कारस्तानी उजागर करते हुए बताया कि संपत्ति की रजिस्ट्री कराने के लिए कई दिनों से बाबू का चक्कर काट रहें हैं। इसी तरह सीतापुर रोड योजना के सेक्टर-सी निवासी इरफान और शहाबुद्दीन ने भी रोशन जैकब के सामने अपनी समस्या का जिक्र करते हुए कहा वह लोग रजिस्ट्री व नामांतरण के लिए कई बार आवेदन कर चुके हैं, लेकिन बाबू काम नहीं कर रहा। इस तरह के अन्य मामले सामने आने पर कमिश्नर का धैर्य जवाब दे गया और उन्होंने हाशिम को तत्काल निलंबित करने का एलडीए वीसी को निर्देश दिया।
अवैध कब्जा हटाने में देर पर इंजीनियर पर कार्रवाई
इसी क्रम में जनसुनवाई के दौरान अरूण सिंह ने प्रार्थना पत्र देते हुए कमिश्नर को बताया कि उन्हें कानपुर रोड योजना के सेक्टर-सी-1 में प्लॉट संख्या-एसएस-261 आवंटित हुआ था, जिसकी उन्होंने रजिस्ट्री भी करा ली है। लेकिन, प्लॉट व उसके सामने वाली सड़क पर एक बिल्डर ने अवैध कब्जा किया है। उन्होंने इस मामले की शिकायत पूर्व में नागरिक सुविधा दिवस में भी की थी, लेकिन समस्या का समाधान नहीं हुआ।
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इस पर उपाध्यक्ष ने अभियंत्रण जोन दो के अधिशासी अभियंता अजय गोयल से रिपोर्ट तलब की। जिसमें पता चला कि टीम मौके पर निरीक्षण करने गयी थी, जिसमें अवैध कब्जा होने की बात सामने आयी है, लेकिन अभी कब्जा हटाया नहीं जा सका है। इस पर कमिश्नर ने नाराजगी जताते हुए अधिशासी अभियंता को प्रतिकूल प्रवृष्टि देने के उपाध्यक्ष को निर्देश दिया।
एलडीए का दावा, नौ का मौके पर निस्तारण!
एलडीए की मानें तो कमिश्नर की जनसुनवाई में प्राधिकरण से संबंधित 32 शिकायतें आई थीं। जिनमें से नौ का मौके पर ही निस्तारण कर दिया गया। हालांकि यह नौ मामले कौन से इसकी जानकारी एलडीए के अफसरों ने मीडिया को नहीं दी है। वहीं शेष 33 मामलों में समय सीमा निर्धारित करते हुए संबंधित अधिकारी व कर्मचारियों को गुणवत्तापूर्ण निस्तारण करने के निर्देश दिये जाने का दावा जरूर किया है।
जनसुनवाई के दौरान एलडीए उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार, सचिव विवेक श्रीवास्तव, संयुक्त सचिव सोमकमल सीताराम समेत अन्य अफसर व इंजीनियर मौजूद रहें।