आरयू ब्यूरो
लखनऊ। आवास पर कब्जा पाने के लिए साढ़े चार सालों से आवास विकास परिषद का चक्कर लगा रही है, राजरानी का दिन आज कुछ खास रहा। गुरुवार को आयोजित परिषद दिवस में उपाध्यक्ष सिद्धार्थ सिंह व अपर आवास आयुक्त अखिलेश सिंह ने पीडि़त महिला को भवन का आंवटन पत्र सौंपा तो उसकी खुशी का कोई ठिकाना नहीं रहा।
राजरानी ने बताया कि वह दूसरे के घरों में चूल्हा-चौका कर परिवार का खर्च चलाती है। अब अपना घर मिल जाने से उसकी मुश्किलों में थोड़ी कमी आ जाएगी। इस दौरान उसने मद्दगार अधिकारियों का आभार जताया। दूसरी ओर आज परिषद दिवस में दस पुराने व दो नए मामले आए। परिषद दिवस के नोडल आधिकारी राजेश मेहतानी ने बताया कि पांच पुराने मामलों का मौके पर ही निस्तारण कर दिया गया।
जून 2012 में हुआ था आवंटन
7- मालएवेन्यु निवासी राजरानी को आवास विकास परिषद ने एक जून 2012 को आम्रपाली के वैम्बे योजना के तहत भवन संख्या एच 3/ 767 आवंटित किया था, लेकिन डिफॉल्टर कब्जाधारक के चलते राजरानी को कब्जा नहीं मिल सका। इसी बीच भवन पर काबिज व्यक्ति की मौत हो गई, जबकि उसकी पत्नी न्यायालय से स्टे ऑर्डर ले आई।
कब्जे की आस देख रही राजरानी को भी इस दौरान परिषद के कुछ भ्रष्ट इंजीनियरों ने कोर्ट जाने की राय दी, लेकिन समय रहते कार्रवाई हो जाने के चलते वह कोर्ट कचहरी के चक्कर से बच गई।
इस तरह मिला महिला को न्याय
आवंटन के बाद से भवन की किश्त भरने के बाद भी कब्जा पाने के लिए परिषद कार्यलय में भटक रही राजरानी की मुलाकात नोडल अधिकारी राजेश मेहतानी के जरिए उपाध्यक्ष सिद्धार्थ सिंह और आवास आयुक्त आरपी सिंह से होती है। जिसके बाद महिला की परेशानी को देखते हुए उसे नया भवन देने का निर्णय लिया जाता है।
महिला बेहद गरीब होने के साथ ही आवास के लिए कई सालों से परेशान थी। प्रकरण जानकारी में आने के बाद जितनी जल्दी हो सकता था, उसे नया आवास उपलब्ध करा दिया गया है। उपाध्यक्ष सिद्धार्थ सिंह