दिल्ली विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान, पांच फरवरी को मतदान

दिल्‍ली मतदान
मीडिया को जानकारी देते राजीव कुमार।

आरयू वेब टीम। दिल्ली विधानसभा चुनाव की तारीख का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है। यहां एक ही चरण में मतदान होंगे। मतदान की तारीख पांच फरवरी है। वहीं मतगणना आठ फरवरी होगी। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि लोकतंत्र में भागीदारी बढ़ाएं। नये साल में पहली बारी दिल्ली की है। हमें उम्मीद है कि दिल्ली दिल से वोट करेगी।

चुनाव आयोग की प्रेस कॉन्फ्रेंस में राजीव कुमार ने तारीखों का ऐलान करते हुए कहा कि दिल्ली में 13 हजार से ज्यादा पोलिंग बूथ होंगे। 85 साल से अधिक उम्र के लोग घर से वोट डाल सकेंगे। उन्होंने कहा कि चुनाव शिष्टाचार का ध्यान रखें। महिलाओं के खिलाफ गलत भाषा का उपयोग न करें। चुनाव प्रचार में भाषा का ख्याल रखें।

दिल्ली में विधानसभा की 70 सीटें हैं, जिसमें से 58 सामान्य श्रेणी की जबकि 12 सीटें अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं। मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार ने बताया कि दिल्ली में कुल 1.55 करोड़ रजिस्टर्ड वोटर हैं। इनमें 83.49 लाख पुरुष तथा 71.74 लाख महिलाएं हैं। युवा मतदाताओं (20 से 21 वर्ष के) की संख्या 28.89 लाख है, जबकि पहली बार मतदान के पात्र युवाओं की संख्या 2.08 लाख है। 2697 स्थानों पर कुल 13,033 मतदान केंद्र होंगे और इनमें से 210 मॉडल मतदान केंद्र होंगे।

मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि ज्यादा से ज्यादा मतदान करें। लोकसभा चुनाव में नया रिकॉर्ड बना। वोटर लिस्ट में गड़बड़ी की शिकायत मिली। राजीव कुमार ने कहा, ”कुछ चिंताएं (राजनीतिक दलों द्वारा) उठाई गई थीं। कहा गया कि मतदाता सूची में गलत तरीके से नाम जोड़े और हटाए गए हैं। यह भी कहा गया कि कुछ ग्रुप को निशाना बनाया जा रहा है। उनके नाम हटा दिए गए हैं। मतदाता सूची में गलत तरीके से नाम जोड़ने या हटाने के बारे में अफवाहें फैलाई जा रही हैं।”

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मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि लिस्ट से वोटर का नाम हटाने के लिए पूरी प्रक्रिया का पालन किया जाता है। राजनीतिक दलों की सहमति से ही लिस्ट अपडेट किया जाता है। पारदर्शिता हमारी प्राथमिकता है। चुनाव के सात से आठ दिन पहले ईवीएम को लेकर पूरी प्रक्रिया करता है। इसके बाद इसे सील करके स्ट्रांग रूम में रखा जाता है।

नहीं हटाया जा सकता वोटर का नाम

चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा, ” वोटर बेहद जागरूक हैं। मतदाता सूचियों को लेकर अब भी कई बातें कही जा रही है। करीब 70 चरण हैं। इसमें राजनीतिक दल और उम्मीदवार हमारे साथ रहते हैं, जितने भी दावे और आपत्तियां आती हैं, उन्हें सभी राजनीतिक दलों के साथ साझा किया जाता है। फॉर्म सेवेन के बिना नाम नहीं हटाया जा सकता है।”

ईवीएम चुनाव का सबसे सुरक्षित तरीका

मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि वोटों की गिनती से पहले राजनीतिक दलों के एजेंट से मिलान करने को कहा जाता है। ईवीएम चुनाव का सबसे सुरक्षित तरीका है। ईवीएम किसी भी तरीके से हैक नहीं हो सकती है। ईवीएम के बारे में जवाब देने के बाद भी यह कहा गया कि ईवीएम में हेरफेर किया जा सकता है।

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