आरयू वेब टीम। दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री आतिशी विधानसभा में विपक्ष की नेता होंगी। आम आदमी पार्टी की विधायक दल की बैठक में उन्हें विधायक दल का नेता चुना गया है। बैठक में आप के 22 विधायक मौजूद थे। इसी के साथ दिल्ली विधानसभा में पहली बार मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष का पद महिला के पास होगा। आतिशी कालकाजी सीट से विधायक हैं और पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के इस्तीफा देने के बाद उन्होंने दिल्ली की कमान संभाली थी।
इस संबंध में आप नेता गोपाल राय ने कहा, “आतिशी नेता विपक्ष होंगी। सभी विधायकों ने उन्हें चुना है। आतिशी दिल्ली की मुख्यमंत्री भी रह चुकी हैं। आप ने जो काम किए हैं, उनकी रक्षा की जिम्मेदारी हमें निभानी है। साथ ही भाजपा ने जो वादे किए हैं। उसे पूरा करवाना, ये हमारे नेता प्रतिपक्ष की दोहरी जिम्मेदारी होगी।” वहीं नेता प्रतिपक्ष बनाए जाने के बाद आतिशी ने कहा, “लोगों ने आप को विपक्ष की भूमिका दी है। एक मजबूत विपक्ष क्या होता है? ये हम काम कर के बताएंगे।” ‘मैं आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल और सभी विधायकों का धन्यवाद करती हूं जिन्होंने मुझे नेता प्रतिपक्ष बनाया है। भाजपा ने जो भी वादे किए, विपक्ष के नाते हम उन सभी वादों को पूरा करवाने की जिम्मेदारी निभायेंगे। महिलाओं से वादा है कि प्रधानमंत्री मोदी ने जो पहली कैबिनेट मीटिंग में ही उन्हें 2,500 हरमहीने देने की गारंटी दी थी, वो हम उन्हें दिलवा कर रहेंगे।’
दिल्ली विधानसभा में पेश होने वाली कैग रिपोर्ट पर दिल्ली की पुर्व मुख्यमंत्री आतिशी ने कहा, “मैंने बतौर मुख्यमंत्री दिल्ली विधानसभा के स्पीकर को कैग रिपोर्ट भेजी थी। ये कैग रिपोर्ट चुनाव से पहले सीलबंद लिफाफे में विधानसभा भेजी गई थी। भाजपा यह भ्रम फैलाने की कोशिश कर रही है कि कैग रिपोर्ट उनकी तरफ से पेश की जा रही है। दिल्ली की जनता में फैलाई जा रही भ्रांति को जनता के सामने लाया जाना चाहिए।”
दरअसल दिग्गज नेताओं की हार के बावजूद आतिशी ने भाजपा के बड़े चेहरे को हराया है। इसके बाद पार्टी में उनकी प्रतिष्ठा बढ़ी है। अरविंद केजरीवाल के जेल जाने के बाद आतिशी ने दिल्ली के साथ आप को भी संभाला। उन्हें केजरीवाल का भरोसेमंद माना जाता है।
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बता दें कि 24 फरवरी से दिल्ली विधानसभा का सत्र शुरू हो रहा है, जो 27 फरवरी तक चलेगा। पहले दिन नवनिर्वाचित विधायकों को शपथ दिलाई जाएगी और विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव होगा। सत्र के दूसरे दिन यानी 25 फरवरी को सुबह 11 बजे उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना सदन को संबोधित करेंगे। इसके बाद भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक की 14 लंबित रिपोर्ट्स सदन के पटल पर रखी जाएंगी। 26 फरवरी को महाशिवरात्रि के चलते कोई कार्यवाही नहीं होगी।